राकेश टीकेत के मीडिया के सामने भावुक होने के बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सपा पार्टी सहति कई विपक्षी दल खुलकर आंदोलन के समर्थन में उतर आए हैं। विपक्षी दलों की निगाहें यूपी के आगामी विधानसभा चुनावों पर टिकी है। ऐसे में राकेश टिकैत को चुनावी चेहरे के तौर पर ये राजनीतिक दल पेश कर सकते हैं।
दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस लगातार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाती जा रही है। सिंघु के बाद अब टीकरी पर कंटीले तारों से कई लेयर में बैरिकेडिंग की गई है। कंक्रीट से दीवार खड़ी की गई है ताकि किसान और उनके ट्रैक्टर दिल्ली में प्रवेश ना कर सकें।
टिकरी बॉर्डर पर तमाम परेशानियों के बीच दिल्ली पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा कि काले कानून जब तक वापस नहीं, तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। हम डरने वाले नहीं है। यहां इंटरनेट बंद कर दिया गया है साफ सफाई नहीं है। लेकिन हम झुकेंगे नहीं। किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त बढ़ा दी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओँ पर पिछले दो महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच सरकार के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई सहमति नहीं बनी है। किसान जहां कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार का जोर इन कानूनों मे्ं सुधारों पर है। किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे।