चक्का जाम से पहले बोला UN, प्रदर्शनकारी किसानों पर संयम बरतें भारत

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद अब किसानों ने आंदोलन को धार देने के लिए आज तीन घंटे का देशव्यापी चक्का जाम बुलाया है। इस चक्का जाम का विपक्षी पार्टियों ने खुलकर समर्थन किया है। इसके मद्देनजर राज्य सरकारों ने कमर कस ली है। राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भारत सरकार से आंदोलनकारी किसानों के प्रति संयम बरतने की अपील की है। यूएन के मानवाधिकार कार्यालय ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी के मानवाधिकारों के सम्मान में न्यायसंगत समाधान तलाशना जरूरी है।
ट्वीट कर ओचसीएचआर ने कहा कि शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकारों की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन हिफाजत की जानी चाहिए। बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। पुलिस की फिलहाल यही कोशिश है कि प्रदर्शनकारियों को शहर के भीतर दाखिल न होने दिया जाए।
इस वजह से टिकरी और दिल्ली बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कंटीले तार, बैरिकेडिंग और सड़कों पर कीलें लगाई गई हैं ताकि प्रदर्शनकारी दिल्ली में दाखिल नहीं हो सके। किसान नेताओं ने कहा कि इंटरनेट बैन और किसानों के शोषण के खिलाफ यह चक्का जाम हो रहा है। इसका असर दिल्ली में नहीं होगा फिर भी एहतियात के तौर पर 50 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 12 मेट्रो स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है।