
आज़मगढ़। उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। पत्नी की हत्या के केस में सजा काट चुका एक बंदी अब ‘यूपी का नटवरलाल’ बन गया है। आरोपी रामजीत यादव, जो हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आया था, ने ठगी का ऐसा जाल बिछाया कि पुलिस विभाग और बैंक अधिकारी तक इसके शिकार हो गए।
सूत्रों के अनुसार, रामजीत यादव ने जेल अधीक्षक की चेकबुक चोरी कर ली और पिछले करीब डेढ़ साल से जेलकर्मियों की मिलीभगत से खाते से लगभग 30 लाख रुपये निकाल लिए। जेल अधीक्षक के खाते से यह रकम कई किस्तों में निकाल ली गई, और किसी को भनक तक नहीं लगी।
मामला तब सामने आया जब अधीक्षक के मोबाइल पर बैंक ट्रांजेक्शन का मैसेज आया। उन्होंने अकाउंटेंट से जांच कराई, लेकिन उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं था। जब बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया गया, तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया।
इस खुलासे के बाद जेल अधीक्षक ने चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें शक है कि कुछ जेलकर्मी और बैंक कर्मचारी भी इस गोरखधंधे में शामिल थे। घटना की जानकारी मिलते ही लखनऊ से लेकर आज़मगढ़ तक हड़कंप मच गया। उच्च अधिकारियों ने संबंधित जेल अफसरों को कड़ी फटकार लगाई और जांच के आदेश दे दिए हैं।
फिलहाल, पुलिस ने बैंक और जेल कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं यह भी जांच की जा रही है कि आखिर कैसे एक बंदी इतने लंबे समय तक सरकारी खाते से करोड़ों की हेराफेरी करता रहा, और किसी को खबर तक नहीं लगी।
यह मामला उत्तर प्रदेश में जेल सुरक्षा व्यवस्था और बैंकिंग सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।