
आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्रि ने दिलवाई आहुतियां, आर्य समाज गंगापुर सिटी में उमड़ा भक्तों का सैलाब
गंगापुर सिटी। आर्य समाज गंगापुर सिटी के आयोजन में चल रहे यजुर्वेद पारायण महायज्ञ का रविवार को प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक विधिवत समापन हुआ। प्रवक्ता आशुतोष आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि यजमान दंपतियों में मुकेश गुप्ता, कैलाश जी मित्तल, रामवतार सीए, मदन मोहन गुप्ता, हुक्म चंद गुप्ता, अरविंद गुप्ता पीलोदा वाले, अरविंद गर्ग आदि उपस्थित रहे। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्रि जी ने पूर्णाहुति के मंत्रों से आहुतियां दिलवाई।
वरिष्ठ जनों का हुआ सम्मान
पूर्णाहुति उपरांत आर्य समाज के वरिष्ठजन कछीया लाल बजाज (पूर्व प्रधान), रमेश जी गहनोली (पूर्व प्रधान), स्व. गोविंद आर्य की धर्मपत्नी कमला देवी आर्य, सावित्री महारावल, पंडित मदन मोहन आर्य (संरक्षक) का शॉल ओढ़ाकर और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। साथ ही आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्रि, भजनोपदेशक सुमित अंगिरस और उपस्थित संन्यासी गणों का भी आर्य समाज के पदाधिकारियों मदन मोहन बजाज (प्रधान), संतोष मसावता, संजय आर्य, वीरेंद्र आर्य, मनोज आर्य, अभिषेक बंसल द्वारा दुपट्टा उड़ाकर व माल्यार्पण कर स्वागत-सम्मान किया गया।

आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्रि ने अपने उद्बोधन में कहा कि “भारत वर्ष में अनेक संस्था, संगठन और संप्रदाय हैं, लेकिन वे सभी संकुचित दायरे में हैं। आर्य समाज एकमात्र ऐसी संस्था है, जिसके द्वार सभी समाज, जाति और संप्रदाय के लिए खुले हैं। समाज का हर तबके का व्यक्ति यहां आकर अपना और मनुष्य मात्र का कल्याण कर सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति भौतिक इच्छाओं का त्याग करने और भौतिक सुखों से दूरी बनाने पर ही संभव है। महर्षि पतंजलि द्वारा बताए गए अष्टांग योग — यम, नियम, आसन, धारणा, ध्यान और समाधि — ही गृहस्थ जीवन में मोक्ष प्राप्ति के सर्वोत्तम साधन हैं।

भजन संध्या और भक्ति रस
उत्तर प्रदेश सहारनपुर से आए भजनोपदेशक सुमित अंगिरस ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी, जिनमें “ईश्वर हरदम पास हमारे जान सके तो जान…”, “इस वैदिक धर्म की वेदी को पूरी करके दिखा…” और “प्रभु प्यारे से जिसका संबंध है उसे हर पल आनंद ही आनंद है…” शामिल थे। इन भजनों ने श्रोताओं में भक्ति और उत्साह का संचार किया।
भंडारे के साथ हुआ समापन

कार्यक्रम के अंत में संयोजक ओमप्रकाश डाबरा और मंत्री संतोष मासावता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके बाद भंडारा प्रसादी का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
इस अवसर पर पंडित मदनमोहन आर्य, संजय आर्य, मदन मोहन बजाज (प्रधान), ओमप्रकाश जी घी वाले, नरेंद्र आर्य, आशुतोष आर्य, संजय आर्य, शुभम आर्य, गिरीश आर्य, देवेंद्र आर्य, मदन मोहन गुप्ता, ओमप्रकाश धागा वाले, सुमन आर्य, मीनू आर्य, बबीता, मिथलेश, ऊषा आर्य, पुष्पा आर्य, शिमला सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।