
Zomato Platform Fee Increase 2025 ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग अब केवल सुविधा नहीं, बल्कि एक आम जीवनशैली बन चुकी है। भारत में लाखों लोग रोजाना ऐप्स के माध्यम से खाना मंगवाते हैं, जिससे फूड डिलीवरी कंपनियों का कारोबार तेजी से बढ़ा है। इसी बढ़ते ट्रेंड के बीच जोमैटो ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब त्योहारी सीजन की शुरुआत हो रही है और ऑर्डर वॉल्यूम में उछाल की उम्मीद है।
जोमैटो की यह नई रणनीति कंपनी के मुनाफे को बढ़ाने और हर ऑर्डर को अधिक लाभदायक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अप्रैल 2023 में शुरू हुई प्लेटफॉर्म फीस अब 2 रुपये से बढ़कर 12 रुपये तक पहुंच चुकी है। यह फीस एक प्रकार का सर्विस चार्ज है, जो ऐप के उपयोग के लिए ग्राहकों से लिया जाता है। बढ़ती फीस के साथ-साथ डिलीवरी चार्ज, टैक्स और अन्य शुल्कों के कारण ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना अब पहले की तुलना में काफी महंगा हो गया है।
🟨 प्लेटफॉर्म फीस में 20% की बढ़ोतरी
Zomato Platform Fee Increase 2025
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस में 20% की बढ़ोतरी की है। अब प्रत्येक ऑर्डर पर 12 रुपये वसूले जाएंगे, जो पहले 10 रुपये थे। यह बदलाव त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले किया गया है ताकि कंपनी का मुनाफा बढ़ाया जा सके।
🟨 2 रुपये से 12 रुपये तक का सफर
अप्रैल 2023 में जोमैटो ने पहली बार प्लेटफॉर्म फीस के रूप में 2 रुपये वसूलना शुरू किया था। पिछले दो वर्षों में यह शुल्क कई गुना बढ़कर अब 12 रुपये प्रति ऑर्डर हो गया है। यह फीस एक प्रकार का सर्विस चार्ज है, जो ऐप के उपयोग के लिए लिया जाता है।
🟨 हर दिन 3 करोड़ रुपये का रेवेन्यू
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, जोमैटो रोजाना 23–25 लाख ऑर्डर डिलीवर करता है। नई फीस के अनुसार, कंपनी को हर दिन लगभग 3 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलेगा, जो पहले 2.5 करोड़ रुपये था। तिमाही आधार पर यह वृद्धि 45 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
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🟨 उपभोक्ताओं पर बढ़ता बोझ
Zomato Platform Fee Increase 2025
जोमैटो न केवल प्लेटफॉर्म फीस, बल्कि डिलीवरी चार्ज, रेस्टोरेंट फीस, और जीएसटी भी वसूलता है। इसी तरह स्विगी भी हर ऑर्डर पर अलग-अलग शुल्क लेता है। इससे ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना अब पहले की तुलना में काफी महंगा हो गया है।