बिज़नेस छोड़ा, खेती से बनाई नई पहचान: सालाना 20 लाख की कमाई, लगाया ऐसा पेड़ जो 200 साल तक देगा फल

बिज़नेस से खेती की ओर: नई शुरुआत से नई पहचान

DAUSA. कहते हैं कि अगर लगन और मेहनत हो तो खेती भी करोड़ों का मुनाफा दे सकती है। इसी बात को सच कर दिखाया है एक प्रगतिशील किसान रामजीलाल शर्मा ने, जिन्होंने अपना कारोबार छोड़ खेती को अपनाया और अब सालाना 20 लाख रुपये से भी ज्यादा की आय कमा रहे हैं।

200 साल तक फल देने वाला पेड़

इस किसान ने अपनी जमीन पर ऐसा फलदार पेड़ लगाया है, जो करीब 200 साल तक फल देता रहेगा। इससे आने वाली कई पीढ़ियां भी लाभान्वित होंगी। यह पेड़ न सिर्फ किसानों के लिए प्रेरणा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान देगा।

चने की पत्तियों और नींबू-मौसमी से मोटी कमाई

खेती में विविधता लाने के लिए उन्होंने चने की पत्तियों, नींबू और मौसमी की भी खेती शुरू की। इनसे उन्हें अच्छी बाजार मांग और भारी मुनाफा हुआ। नींबू और मौसमी की फसल से सालाना लाखों की आमदनी हो रही है, जबकि चने की पत्तियां भी स्थानीय बाजार में अच्छी खासी बिक रही हैं।

मैथी से मिला आइडिया, चने की पत्तियों का नया कारोबार

शुरुआत में किसान ने देखा कि बाजार में मैथी के पत्ते खूब बिकते हैं और अच्छी कीमत मिलती है। इसी से उन्हें आइडिया आया कि क्यों न चने की पत्तियों को भी बाजार में बेचा जाए। उन्होंने प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया और देखते ही देखते इसकी बाजार में भारी मांग हो गई। आज चने की पत्तियां उनकी आमदनी का बड़ा स्रोत बन चुकी हैं।

सरसों की खेती छोड़कर फलो की ओर रुख

पहले किसान सरसों की खेती करते थे, लेकिन उसमें उतना मुनाफा नहीं मिल रहा था। तभी उन्होंने रणनीति बदलते हुए सरसों की जगह फलदार पेड़ और नींबू-मौसमी की खेती शुरू की। यह कदम उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और अब वे लाखों रुपये कमा रहे हैं।

नींबू-मौसमी से भी मोटी कमाई

खेती में विविधता लाने के लिए उन्होंने नींबू और मौसमी की भी खेती शुरू की। इन फलों की मार्केट में अच्छी कीमत मिलने से सालाना लाखों रुपये की आमदनी हो रही है।

युवाओं के लिए प्रेरणा

यह कहानी उन युवाओं के लिए मिसाल है जो खेती को घाटे का सौदा मानते हैं। आधुनिक तकनीक, सही फसल चयन और मेहनत के बल पर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है।
आज यह किसान न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बना है बल्कि आसपास के किसानों को भी नई राह दिखा रहा है। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता यह साबित करती है कि खेती को अपनाकर भी करोड़ों का भविष्य बनाया जा सकता है।