आधीरा बैंड की फोक फ्यूजन प्रस्तुति से गूंज उठा जवाहर कला केंद्र

“जवाहर कला केंद्र के मुक्ताकाशी मंच पर प्रस्तुति देते हुए आधीरा बैंड”

Adhira Band Folk Fusion Jaipur: मंगलवार शाम जवाहर कला केंद्र का मध्यवर्ती मंच लोकधुनों और आधुनिक संगीत की जुगलबंदी से सराबोर हो उठा। अवसर था आधीरा बैंड की अनूठी फोक फ्यूजन प्रस्तुति का, जिसमें राजस्थान की सांस्कृतिक छटा और बॉलीवुड गीतों का मेल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया।

🎶 लोक और आधुनिकता का संगम

Adhira Band Folk Fusion Jaipur

कार्यक्रम की शुरुआत विक्की खंडेलवाल की सुरीली आवाज में “कदी आओ नी रसीला म्हारे देश” से हुई, जिसने दर्शकों को राजस्थान की मिट्टी से जोड़ दिया। इसके बाद “बन्ना री लाल पीली अंखियां”, “बोले तो मीठो लागे”, “हंसे तो प्यारो लागे” जैसे लोकप्रिय राजस्थानी गीतों को जब फ्यूजन अंदाज में पेश किया गया, तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा मुक्ताकाशी मंच गूंज उठा।

बैंड ने पारंपरिक लोकगीतों को आधुनिक बीट्स और इलेक्ट्रॉनिक साउंड के साथ मिलाकर एक नया अनुभव रचा — जिससे युवा और वरिष्ठ दर्शक समान रूप से जुड़ सके। यह प्रस्तुति केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन गई।

🧘‍♀️ भक्ति और भावनात्मक गहराई

कार्यक्रम के मध्य में जब दुर्गा मां की स्तुति प्रस्तुत की गई, तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। दर्शकों ने मौन भाव से संगीत का आनंद लिया और तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। यह खंड दर्शाता है कि आधीरा बैंड केवल लोक और पॉप का मेल नहीं, बल्कि भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई भी प्रस्तुत करता है।

🎤 कलाकारों की जुगलबंदी

मुख्य गायक विक्की खंडेलवाल की आवाज में आत्मा की गहराई थी, जिसे मंच पर विभिन्न वाद्ययंत्रों ने और सशक्त बनाया। ड्रम्स पर किकी की ताल, गिटार पर गौतम खंडेलवाल की स्ट्रिंग्स, की-बोर्ड पर आशीष की मेलोडी, तबले पर सरफराज की लय और इलेक्ट्रिक गिटार पर खालिद की ऊर्जा ने माहौल को जीवंत बना दिया।

बेस गिटार पर अभिनव शर्मा ने गहराई दी, जबकि मोरचंग और खड़ताल पर रईस खान व राजू ने राजस्थानी लोक की आत्मा को मंच पर उतार दिया। साउंड इंजीनियर शेंकी ने पूरे कार्यक्रम को तकनीकी रूप से परिपूर्ण बनाया — जिससे हर सुर और ताल दर्शकों तक स्पष्ट रूप से पहुँचा।

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👏 दर्शकों की प्रतिक्रिया और सांस्कृतिक प्रभाव

Adhira Band Folk Fusion Jaipur

कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों ने बार-बार तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। कई दर्शक गीतों के साथ झूमते और गुनगुनाते नजर आए। यह स्पष्ट था कि आधीरा बैंड की प्रस्तुति ने केवल मनोरंजन नहीं किया, बल्कि लोक संगीत को नई पीढ़ी से जोड़ने का कार्य भी किया।