
Bundi Kota Wall Paintings: राजस्थान की दीवारें बोलती हैं — और अगर कहीं यह कथन सबसे सटीक बैठता है, तो वह है बूंदी और कोटा। “Wall Paintings & Frescoes of Bundi and Kota” एक ऐसा दृश्य खज़ाना है जहाँ हर दीवार, छत और गलियारा चित्रकला का जीवंत कैनवस बन चुका है। ये भित्ति चित्र न केवल सौंदर्य का प्रतीक हैं, बल्कि इतिहास, धर्म और जीवन दर्शन का दृश्य संवाद भी हैं।
Bundi Kota Wall Paintings
बूंदी की चित्रकला शैली को उसकी विशिष्टता के लिए जाना जाता है — जहाँ नीले, हरे और सुनहरे रंगों का प्रयोग कर राजपूत दरबार, धार्मिक कथाएँ और प्रकृति को दर्शाया गया है। गढ़ महल, छत्र महल, और फूल महल की दीवारों पर बनी राग-रागिनी श्रृंखला, कृष्ण लीला और शिकार दृश्य आज भी उतने ही जीवंत हैं जितने सदियों पहले थे।
कोटा की चित्रकला में मुग़ल प्रभाव और स्थानीय शैली का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। यहाँ के महलों और मंदिरों की दीवारों पर बनी चित्रकला में दरबारी जीवन, युद्ध दृश्य और धार्मिक अनुष्ठानों की झलक मिलती है। कोटा गढ़ और ब्रिजराज भवन जैसे स्थलों पर बनी भित्तियाँ राजस्थान की चित्रकला परंपरा को समृद्ध करती हैं।
इन चित्रों में प्राकृतिक रंगों, महीन ब्रशवर्क और विषयों की विविधता के साथ-साथ स्थापत्य सौंदर्य भी शामिल है। कलाकारों ने दीवारों की बनावट को ध्यान में रखते हुए चित्रों को इस तरह रचा है कि वे वास्तु के साथ संवाद करते हैं — जैसे कि मेहराबों में कृष्ण की झलक या छतों पर नृत्य करती अप्सराएँ।
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अब इन भित्ति चित्रों को संरक्षित करने के लिए डिजिटाइज़ेशन, रेस्टोरेशन और वर्चुअल टूर जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। कई संग्रहालयों और संस्थानों ने इन चित्रों को डिजिटल आर्ट प्रोजेक्ट्स, NFT प्लेटफॉर्म्स और इंटरएक्टिव गैलरीज़ में प्रस्तुत किया है — जिससे यह विरासत वैश्विक दर्शकों तक पहुँच रही है।
Bundi Kota Wall Paintings
यह संग्रह यह दर्शाता है कि बूंदी और कोटा की दीवारें केवल पत्थर नहीं — बल्कि रंग, रेखा और संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति हैं। जब एक दीवार पर रागिनी की मुद्रा या युद्ध की गर्जना चित्रित होती है, तो वह केवल कला नहीं — बल्कि एक युग की आत्मा बन जाती है।