 
Charbhuja Temple Rajsamand राजस्थान के राजसमंद ज़िले के गरबोर गाँव में स्थित श्री चारभुजा मंदिर भगवान विष्णु के चारभुजा रूप को समर्पित एक प्राचीन और अत्यंत पूजनीय मंदिर है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख तीर्थस्थल है, जहाँ भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली मूर्ति — शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किए हुए — श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है।
चारभुजा नाथ जी की पूजा का मुख्य कारण उनकी रक्षक शक्ति, चमत्कारी इतिहास और धर्म की स्थापना है। लोक मान्यता है कि यह मूर्ति द्वापर युग में पांडवों द्वारा पूजित थी और बाद में श्री गंग देव को स्वप्न में निर्देश प्राप्त हुआ कि वे इसे नदी से निकालकर गरबोर में स्थापित करें। मूर्ति को कई बार आक्रमणों से बचाने के लिए नदी में छिपाया गया, और मंदिर के चारों ओर 125 से अधिक युद्ध लड़े गए।

Charbhuja Temple Rajsamand
मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य है — मुख्य शिखर के मध्य में अष्टकोणीय गुंबद है, जिसे दो गोल शिखरों ने घेर रखा है। गर्भगृह की दीवारों पर शीशे की कलाकारी, सोने और चांदी के दरवाज़े, और गरुड़ जी की प्रतिमा मंदिर की गरिमा को और बढ़ाते हैं। प्रवेश द्वार पर पत्थर के हाथी मंदिर की रक्षा करते प्रतीत होते हैं।
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चारभुजा मंदिर में प्रतिदिन मंगल आरती, श्रृंगार आरती, घी आरती, और चंदन आरती होती है। विशेष अवसरों पर महायज्ञ, हवन, और एकादशी पूजन का आयोजन होता है। श्रद्धालु यहाँ भगवान से शांति, समृद्धि और संकट निवारण की कामना करते हैं।
Charbhuja Temple Rajsamand
यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, लोक आस्था, और चमत्कारों की परंपरा का जीवंत प्रतीक भी है। श्री चारभुजा मंदिर एक ऐसा स्थल है जहाँ भक्ति, इतिहास और दिव्यता एक साथ पूजी जाती हैं।

 
		 
		