ई-वेस्ट संकट: पुराने गैजेट्स को कैसे करें सही तरीके से रीसायकल

“ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर पर जमा होते पुराने स्मार्टफोन”

Recycle E-Waste India: स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, चार्जर, हेडफोन — हर साल लाखों इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पुराने हो जाते हैं और कचरे में बदल जाते हैं। इन्हें हम कहते हैं ई-वेस्ट (Electronic Waste)। लेकिन यह कचरा सिर्फ जगह नहीं घेरता — यह पर्यावरण, स्वास्थ्य और संसाधनों के लिए गंभीर खतरा बनता है। भारत में 2024 में 17 लाख टन से अधिक ई-वेस्ट उत्पन्न हुआ, लेकिन रीसायकल हुआ सिर्फ 22%।

ई-वेस्ट में लेड, मरकरी, कैडमियम और आर्सेनिक जैसे ज़हरीले तत्व होते हैं — जो मिट्टी, पानी और हवा को प्रदूषित करते हैं। साथ ही, इनमें सोना, चांदी, कॉपर और अन्य कीमती धातुएँ भी होती हैं — जिन्हें सही तरीके से रीसायकल करके दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

🔄 पुराने गैजेट्स को रीसायकल करने के स्मार्ट तरीके

Recycle E-Waste India

  • अधिकृत ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर पर जमा करें जैसे: Attero, Karo Sambhav, Recykal, Cerebra Green
  • ब्रांड्स के टेक-बैक प्रोग्राम का उपयोग करें Apple, Samsung, Dell, HP जैसी कंपनियाँ पुराने डिवाइस वापस लेती हैं
  • स्थानीय ई-वेस्ट ड्राइव्स में भाग लें स्कूल, सोसायटी या NGO द्वारा आयोजित ड्राइव्स में योगदान दें
  • डोनेट करें अगर डिवाइस काम कर रहा हो NGO, स्कूल या ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग हो सकता है
  • DIY रीसायकल से बचें घर पर खोलना खतरनाक हो सकता है — ज़हरीले तत्व निकल सकते हैं

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🧠 ई-वेस्ट से जुड़ी जागरूकता क्यों ज़रूरी है?

Recycle E-Waste India

  • पर्यावरण संरक्षण: ज़हरीले तत्वों से मिट्टी और जल प्रदूषण रोकना
  • स्वास्थ्य सुरक्षा: बच्चों और श्रमिकों को हानिकारक धातुओं से बचाना
  • संसाधनों का पुनः उपयोग: कीमती धातुओं को दोबारा उपयोग में लाना
  • कानूनी अनुपालन: भारत में E-Waste Management Rules 2022 लागू हैं