
गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की मूर्ति को घर या पंडाल में विराजमान करके पूरे विधि-विधान से पूजन करते हैं। लेकिन गणेश जी की स्थापना और पूजन कुछ विशेष सामग्रियों के बिना अधूरा माना जाता है। आइए जानते हैं संपूर्ण पूजन सामग्री की सूची—
🪔 गणेश चतुर्थी 2025 पूजन सामग्री सूची
- मूर्ति – गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति
- चौकी / पाट – मूर्ति स्थापित करने के लिए
- लाल कपड़ा या आसन – गणपति जी को विराजमान करने हेतु
- अक्षत (चावल) – पूजन में प्रयोग हेतु
- कुंकुम, हल्दी, चंदन, रोली
- पुष्प (विशेषकर लाल फूल, गेंदे के फूल)
- दुर्वा (तीन पत्ती वाली घास) – गणेश पूजन में सबसे महत्वपूर्ण
- पान के पत्ते, सुपारी, नारियल
- अगरबत्ती, धूप, दीपक, घी, रुई की बत्ती
- कलश, जल और गंगाजल
- मोदक, लड्डू, फल, मिठाइयाँ – गणपति जी का प्रिय भोग
- पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर)
- कपूर और शुद्ध घी – आरती के लिए
- घंटा और शंख – पूजन व आरती के समय
- सिंदूर और वस्त्र (लाल या पीला कपड़ा) – गणपति जी को पहनाने हेतु
🌸 विशेष ध्यान दें
- गणेश जी की मूर्ति हमेशा मिट्टी की ही स्थापित करनी चाहिए, ताकि विसर्जन के समय पर्यावरण को हानि न पहुंचे।
- पूजन में दुर्वा और मोदक का होना सबसे आवश्यक माना गया है, क्योंकि यह गणपति बप्पा को सबसे प्रिय हैं।
- पूजन के बाद प्रतिदिन आरती और भोग अर्पित करें तथा अंत में विसर्जन के दिन “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों के साथ विदाई दें।