
8 सितंबर 2025 को भारत में दादा-दादी दिवस मनाया गया। यह दिन उन बुज़ुर्गों को समर्पित है जिन्होंने अपने अनुभवों, कहानियों और प्रेम से पीढ़ियों को दिशा दी है।
🟨 बुज़ुर्गों को सम्मान देने का दिन
दादा-दादी दिवस हर साल सितंबर के पहले रविवार को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह दिन 8 सितंबर को आया। यह दिन बुज़ुर्गों के अनुभव, प्रेम और मार्गदर्शन को सम्मानित करने का अवसर है।
🟨 स्कूलों में विशेष कार्यक्रम
स्कूलों में बच्चों ने कविता पाठ, नृत्य, और कला प्रदर्शनी के माध्यम से अपने दादा-दादी को सम्मानित किया। कई जगहों पर कहानी सत्र और साझा भोजन भी हुआ।
🟨 पारिवारिक जुड़ाव की पहल
परिवारों ने इस दिन को खास बनाने के लिए सैर-सपाटे, स्मृति एल्बम, और पसंदीदा व्यंजन की योजना बनाई। बच्चों ने बुज़ुर्गों के साथ समय बिताकर भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाया।
🟨 अनुभवों की विरासत
दादा-दादी केवल परिवार के सदस्य नहीं, बल्कि संस्कारों के वाहक, अनुभवों के स्रोत, और मूल्यों के संरक्षक होते हैं। उनका जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
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🟨 प्रेम और संवाद का संदेश
यह दिन हमें सिखाता है कि संवाद, सम्मान, और साथ से परिवार मजबूत होता है। बुज़ुर्गों के साथ बिताया गया समय जीवन की सबसे कीमती पूंजी है।