जयपुर/महाराष्ट्र। सपने देखो, रिस्क लो और भरोसा रखो – यही मंत्र महाराष्ट्र के छोटे से गांव तुनकी के लड़के हितेश चिमनलाल दोशी ने सच कर दिखाया।
हितेश जी के पास 1985 में अपना बिजनेस शुरू करने के लिए सिर्फ 5000 रुपये का कर्ज था। लेकिन आज वही 400 करोड़ रुपये की कंपनी Waaree Energies के मालिक हैं, जो भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल बनाने वाली कंपनियों में शामिल है।
शुरुआत और संघर्ष:
हितेश जी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। पिता की छोटी किराने की दुकान थी, लेकिन परिवार हमेशा आर्थिक तंगी में था। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और 5000 रुपये उधार लेकर एनर्जी सेक्टर में कदम रखा। शुरू में थर्मल इक्विपमेंट का कारोबार किया।
सोलर एनर्जी में कदम:
2007 में जर्मनी के एक ट्रेड शो में सोलर एनर्जी की चमक देखकर उन्होंने अपना पुराना बिजनेस बेच दिया और सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग में निवेश किया। कंपनी का नाम रखा Waaree Energies, जो उनके गांव तुनकी के वारी मंदिर से प्रेरित है।
आज की सफलता:
आज वारी ग्रुप की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 12,000 मेगावाट है। कंपनी की ज्यादातर कमाई अमेरिका को एक्सपोर्ट से आती है। हितेश जी ने साबित कर दिया कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से कोई भी सपना सच किया जा सकता है।
प्रेरणा:
आज 58 साल की उम्र में हितेश दोशी न सिर्फ सफल बिजनेसमैन हैं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।
