खाटू श्यामजी मंदिर: श्रद्धा, चमत्कार और महाभारत की विरासत

Khatu Shyamji Temple Sikar राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थस्थल खाटू श्यामजी मंदिर में इस वर्ष के फाल्गुन मेले के दौरान श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। देशभर से आए भक्तों ने श्याम बाबा के दर्शन कर मनोकामनाएँ पूर्ण होने की प्रार्थना की। मंदिर परिसर में सुरक्षा, व्यवस्था और सेवा के लिए प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम किए।

मंदिर के पुजारी पंडित रामस्वरूप शास्त्री ने बताया कि इस बार मेले में लगभग 15 लाख श्रद्धालु पहुंचे, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक संख्या है। उन्होंने कहा, “श्याम बाबा की कृपा से यहाँ आने वाला हर भक्त कुछ न कुछ लेकर ही लौटता है — चाहे वह शांति हो, समाधान हो या आस्था।”

Khatu Shyamji Temple Sikar

खाटू श्यामजी मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। मान्यता है कि भीम के पौत्र बार्बरीक ने श्रीकृष्ण को अपना शीश अर्पित किया था। श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे “श्याम” नाम से पूजे जाएँगे। मंदिर में स्थापित मूर्ति उसी शीश की है, जिसे खाटू में प्राप्त किया गया था।

मंदिर की वास्तुकला सफेद संगमरमर से बनी है, जिसमें राजस्थानी शैली की नक्काशी और कलात्मक द्वार हैं। गर्भगृह में विराजमान श्याम बाबा की मूर्ति को प्रतिदिन पाँच बार आरती से सजाया जाता है — जिसमें मंगल आरती, श्रृंगार, भोग, संध्या, और शयन आरती शामिल हैं।

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मेले के दौरान मंदिर परिसर में भजन संध्या, रात्रि जागरण, और छप्पन भोग का आयोजन किया गया। देश के प्रसिद्ध भजन गायक जैसे कन्हैया मित्तल, अनूप जलोटा, और संजय मित्तल ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 24 घंटे जल सेवा, मेडिकल कैंप, और भक्त निवास की व्यवस्था की। सीकर जिला कलेक्टर ने बताया कि इस बार डिजिटल दर्शन व्यवस्था भी शुरू की गई, जिससे दूर-दराज़ के भक्त ऑनलाइन दर्शन कर सके।

खाटू गाँव के स्थानीय व्यापारियों के लिए यह मेला आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा। फूल, प्रसाद, चुनरी, और धार्मिक वस्तुओं की बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि इस बार की बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में 30% अधिक रही।

Khatu Shyamji Temple Sikar

मंदिर के बाहर स्थित श्याम कुंड में श्रद्धालुओं ने स्नान कर पवित्रता प्राप्त की। मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से मन की नकारात्मकता दूर होती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

खाटू श्यामजी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, महाभारत की गाथा, और कलियुग की आस्था का जीवंत प्रतीक बन चुका है। यहाँ की श्रद्धा, सेवा और चमत्कारों की कहानियाँ हर भक्त के हृदय में गहराई से बसती हैं।