
रीयल-मनी गेमिंग पर बैन से स्टार्टअप्स में हलचल
MPL layoffs 2025: नई दिल्ली। भारत सरकार ने हाल ही में रीयल-मनी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका असर देश की बड़ी स्टार्टअप कंपनियों पर दिखाई देने लगा है। इस फैसले का सबसे बड़ा झटका मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) को लगा। MPL ने अपने घरेलू कर्मचारियों में से लगभग 60% यानी करीब 300 लोगों की छंटनी करने का फैसला किया है।
MPL कर्मचारियों पर बड़ा असर
MPL layoffs 2025: MPL के घरेलू कर्मचारियों में यह छंटनी उनके लिए काफी सहज और कठिन समय लेकर आई है। कई कर्मचारी अचानक बेरोजगार हो गए हैं और कुछ विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं। कंपनी ने कर्मचारियों को आर्थिक पैकेज और सपोर्ट देने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी करना अनिवार्य हो गया।
ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार का बैन
MPL layoffs 2025: भारत सरकार ने रीयल-मनी गेमिंग को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। इस फैसले के बाद कई स्टार्टअप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भारी असर पड़ा है। सरकार का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग में आर्थिक और सामाजिक जोखिम बढ़ रहे हैं, इसलिए इसे नियंत्रित करना आवश्यक था।
स्टार्टअप इंडस्ट्री में व्यापक प्रभाव
MPL के अलावा अन्य स्टार्टअप कंपनियां भी इस फैसले से प्रभावित हुई हैं। ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने या तो संचालन को सीमित किया या नए कर्मचारियों की भर्ती रोक दी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के बैन से इंडस्ट्री में संरचना और रोजगार दोनों पर असर पड़ेगा।
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भविष्य की रणनीति और समाधान
MPL और अन्य कंपनियां अब अपनी बिजनेस मॉडल को बदलने की तैयारी में हैं। कुछ कंपनियां इंटरनैशनल मार्केट्स में विस्तार कर रही हैं, जबकि कुछ डिजिटल एंटरटेनमेंट के वैकल्पिक विकल्प खोज रही हैं। कर्मचारी अब अपनी स्किल्स को नए प्लेटफॉर्म और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में प्रयोग करने पर ध्यान दे रहे हैं।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार के नियम और नीतियां सीधे स्टार्टअप इंडस्ट्री और कर्मचारियों के जीवन पर प्रभाव डाल सकती हैं। MPL के 300 कर्मचारियों की छंटनी इसके सबसे बड़े उदाहरणों में से एक है।