केंद्र ने “Promotion & Regulation of Online Gaming Bill, 2025” लोकसभा में पेश किया; लाइसेंसिंग, कड़े दंड और अलग नियामक का प्रावधान
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025” संसद में पेश किया। मसौदे में रियल-मनी (धन आधारित) ऑनलाइन गेम्स पर सख्त प्रतिबंध, ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा, और एक समर्पित राष्ट्रीय नियामक/आयोग की स्थापना का प्रस्ताव है।
प्रमुख प्रावधान
- रियल-मनी गेम्स पर बैन: धन लगाकर खेले जाने वाले ऑनलाइन खेल—कौशल या संयोग—को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव। उल्लंघन पर जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान।
- कड़ा प्रवर्तन: अवैध प्लेटफ़ॉर्म/विज्ञापनों पर दंड; दोहराए उल्लंघन पर बढ़ी हुई सज़ा।
- नया नियामक निकाय: लाइसेंस, वर्गीकरण, और निगरानी के लिए राष्ट्रीय प्राधिकरण/आयोग। ई-स्पोर्ट्स हेतु प्रोत्साहन, प्रशिक्षण ढाँचा।
Read More: राजस्थान में ₹456 करोड़ का सोलर पैनल घोटाला उजागर
उद्योग की प्रतिक्रिया
उद्योग निकायों और प्लेटफ़ॉर्म्स ने आशंका जताई कि व्यापक प्रतिबंध से वैध कंपनियाँ प्रभावित होंगी, नौकरियाँ और निवेश पर असर पड़ेगा, तथा उपयोगकर्ता ऑफ़शोर/ग़ैर-कानूनी साइटों की ओर जा सकते हैं। नियमन-आधारित मॉडल की मांग की गई।
सरकार का तर्क
सरकार का कहना है कि रियल-मनी गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स का धोखाधड़ी और आतंकी वित्तपोषण जैसी अवैध गतिविधियों में दुरुपयोग हुआ है; इसलिए कड़ा ढाँचा ज़रूरी है।
आगे क्या?
बिल को संसदीय प्रक्रिया से गुज़ारा जाएगा। अंतिम नियम बनने से पहले उद्योग-हितधारकों से परामर्श और कार्यान्वयन समयरेखा स्पष्ट होने की उम्मीद है।
