
Passwordless Security India: क्या आपको हर बार लॉगिन करते समय पासवर्ड याद रखने में परेशानी होती है? क्या आप सोचते हैं कि पासवर्ड चोरी या हैक हो सकते हैं? 2025 में साइबर सुरक्षा की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आ चुका है — Passwordless Authentication यानी बिना पासवर्ड के लॉगिन। अब सुरक्षा का मतलब है बायोमेट्रिक्स, OTP, हार्डवेयर टोकन और डिवाइस ट्रस्ट — जो न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि यूज़र फ्रेंडली भी।
भारत में डिजिटल सेवाओं, बैंकिंग, हेल्थ ऐप्स और सरकारी पोर्टल्स पर अब पासवर्डलेस लॉगिन तेजी से अपनाया जा रहा है। Aadhaar आधारित बायोमेट्रिक लॉगिन, UPI ऐप्स में फेस या फिंगरप्रिंट पहचान, और ऑफिस सिस्टम्स में हार्डवेयर टोकन — ये सब मिलकर एक ऐसा डिजिटल अनुभव बना रहे हैं जो सुरक्षित, सहज और स्केलेबल है।
Passwordless Security India
विशेषज्ञों का मानना है कि पासवर्ड अब एक कमजोर कड़ी बन चुके हैं — क्योंकि लोग अक्सर आसान पासवर्ड रखते हैं, दोहराते हैं या उन्हें कहीं लिखकर रखते हैं। यही कारण है कि कंपनियाँ अब Zero Trust Security Framework को अपनाकर हर लॉगिन को वेरिफाई कर रही हैं — चाहे वह कर्मचारी हो या ग्राहक। इससे डेटा ब्रीच और फिशिंग अटैक की संभावना काफी कम हो जाती है।
साथ ही, पासवर्डलेस तकनीक अब केवल बड़े एंटरप्राइज़ तक सीमित नहीं — बल्कि स्मार्टफोन यूज़र्स, स्टूडेंट्स, और छोटे व्यवसायों तक पहुँच चुकी है। Microsoft, Apple, Google जैसी कंपनियाँ अब FIDO2 और WebAuthn जैसे ओपन स्टैंडर्ड्स को सपोर्ट कर रही हैं — जिससे यूज़र अपने डिवाइस से ही सुरक्षित लॉगिन कर सकते हैं, बिना किसी पासवर्ड के।
Read More: डिजिटल युग में डेटा प्राइवेसी: आपको क्या जानना चाहिए
🔐 पासवर्डलेस सुरक्षा के प्रमुख तरीके
Passwordless Security India
🔧 तकनीक | ✅ विवरण |
---|---|
बायोमेट्रिक लॉगिन | फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन, रेटिना पहचान |
वन-टाइम पासकोड (OTP) | SMS या ऐप से मिलने वाला अस्थायी कोड |
हार्डवेयर टोकन | USB या NFC आधारित सिक्योरिटी की |
डिवाइस ट्रस्ट | पहले से वेरिफाई किए गए डिवाइस से लॉगिन |
सिंगल साइन-ऑन (SSO) | एक बार लॉगिन करके कई ऐप्स का एक्सेस |
WebAuthn और FIDO2 | ब्राउज़र आधारित सुरक्षित लॉगिन स्टैंडर्ड्स |