
Quantum Computing India: कल्पना कीजिए एक ऐसा कंप्यूटर जो उन समस्याओं को सेकंडों में हल कर सकता है, जिनमें आज के सुपरकंप्यूटर को हजारों साल लगते हैं। यही है Quantum Computing — एक ऐसी तकनीक जो क्लासिकल कंप्यूटिंग की सीमाओं को तोड़कर विज्ञान, चिकित्सा, वित्त और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रही है।
2025 को संयुक्त राष्ट्र ने International Year of Quantum Science and Technology घोषित किया है। भारत समेत कई देश अब इस क्षेत्र में अरबों डॉलर निवेश कर रहे हैं — क्योंकि जो देश क्वांटम रेस में आगे होंगे, वही भविष्य की तकनीकी शक्ति बनेंगे।
🧠 क्वांटम कंप्यूटिंग क्या है?
Quantum Computing India
- क्लासिकल कंप्यूटर: बिट्स (0 या 1) से काम करते हैं
- क्वांटम कंप्यूटर: क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स से काम करते हैं — जो एक साथ कई स्टेट्स में रह सकते हैं (सुपरपोजिशन)
- एंटैंगलमेंट: दो क्यूबिट्स आपस में जुड़े होते हैं — एक बदलने से दूसरा भी बदलता है
- क्वांटम एडवांटेज: जब क्वांटम कंप्यूटर किसी समस्या को क्लासिकल कंप्यूटर से बेहतर हल करता है
🚀 क्वांटम कंप्यूटिंग कैसे बदल रहा है दुनिया को?
🌍 क्षेत्र | 🔧 प्रभाव और संभावनाएँ |
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साइबर सुरक्षा | आज की एन्क्रिप्शन तकनीकें क्वांटम से टूट सकती हैं — नए क्वांटम-रेज़िस्टेंट सिस्टम बन रहे हैं |
चिकित्सा और दवा खोज | प्रोटीन और अणुओं की सटीक सिमुलेशन से नई दवाओं की खोज तेज़ होगी |
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) | क्वांटम मशीन लर्निंग से मॉडल्स तेज़ी से ट्रेन होंगे |
वित्त और व्यापार | ट्रेडिंग, रिस्क मॉडलिंग और फ्रॉड डिटेक्शन में क्रांति |
ऊर्जा और जलवायु समाधान | बेहतर बैटरियाँ, न्यूक्लियर फ्यूज़न और कार्बन कैप्चर डिज़ाइन करना संभव |
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🌐 भारत और क्वांटम टेक्नोलॉजी
Quantum Computing India
भारत ने क्वांटम टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनने के लिए National Mission on Quantum Technologies & Applications (NM-QTA) शुरू किया है। IITs, IISc और DRDO जैसे संस्थान अब क्वांटम रिसर्च में सक्रिय हैं। साथ ही, स्टार्टअप्स और निजी कंपनियाँ भी क्वांटम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर काम कर रही हैं।