
31 अगस्त 2025, रविवार का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है। इस दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पड़ रही है। इसी कारण यह दिन राधा अष्टमी, दुर्गाष्टमी व्रत और महालक्ष्मी व्रत के लिए शुभ माना गया है। भक्तगण इस दिन उपवास और पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे।
राधा अष्टमी 2025 पूजा का समय
हिंदू मान्यताओं के अनुसार राधारानी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था, इसलिए उनकी पूजा का विशेष महत्व दोपहर में रहता है। दृक पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी की तिथि 30 अगस्त की रात 10:46 बजे से प्रारंभ होगी और 1 सितंबर की रात 12:58 बजे तक रहेगी। राधाष्टमी की पूजा 31 अगस्त को की जाएगी। इस दिन राधा अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:50 बजे से दोपहर 2:17 बजे तक का रहेगा। इस अवधि में लगभग 2 घंटे 27 मिनट तक पूजा की जा सकती है।
31 अगस्त 2025 का दैनिक पंचांग
- वार (दिन): रविवार
- तिथि: शुक्ल पक्ष अष्टमी
- नक्षत्र: अनुराधा (सुबह से शाम 5:27 बजे तक), इसके बाद ज्येष्ठा
- करण: विष्टि (सुबह 11:55 बजे तक), बव (11:55 बजे से रात 12:58 बजे तक)
- योग: वैधृति (दोपहर 3:58 बजे तक), विष्कम्भ (इसके बाद)
- त्योहार / व्रत: राधाष्टमी, दुर्गाष्टमी (मासिक), महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
- सूर्योदय: प्रातः 6:12 बजे
- सूर्यास्त: शाम 6:41 बजे
- चन्द्रोदय: दोपहर 1:02 बजे
- चन्द्रास्त: रात 11:41 बजे
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:02 से 12:52 बजे तक
- अमृत काल: सुबह 5:48 से 7:35 बजे तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:36 से 5:24 बजे तक
अशुभ समय
- राहु काल: शाम 5:08 से 6:41 बजे तक
- यमगण्ड: दोपहर 12:27 से 2:00 बजे तक
- कुलिक काल: 3:34 से 5:08 बजे तक
निष्कर्ष
31 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक अनुष्ठानों और व्रत-पूजा के लिए अत्यंत पवित्र है। भक्त इस दिन राधारानी की पूजा करके प्रेम, भक्ति और सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। साथ ही दुर्गाष्टमी और महालक्ष्मी व्रत भी लोगों के जीवन में शुभ फलदायी सिद्ध होंगे।