जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी (NDPS) से जुड़े एक मामले में तीन पुलिस अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी रखने के आदेश दिए हैं। वहीं, कोर्ट ने आरोपी सत्यनारायण को जमानत दे दी है। यह मामला जनवरी 2023 में बासनी थाने द्वारा की गई 2240.517 किलो डोडा-पोस्त की बरामदगी से जुड़ा है।
मामले के मुख्य बिंदु
- गिरफ्तारी और बरामदगी: बासनी थाने के तत्कालीन एसएचओ जितेंद्र सिंह ने टीम के साथ एक टैंकर से 111 बोरियों में डोडा-पोस्त बरामद किया
- सत्यनारायण का नाम: ट्रक ड्राइवर ओमप्रकाश ने बताया कि बोरियां सत्यनारायण के परिसर में उतारने को कहा गया था
- रिश्वत का आरोप: सत्यनारायण के बेटे मुकेश सुथार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने NDPS केस से बचाने के लिए 70 लाख की मांग की, बाद में 35 लाख में सौदा तय हुआ
- राशि का स्थान: AIIMS अस्पताल के गेट नंबर 4 पर हेड कॉन्स्टेबल स्वरूप बिश्नोई को रकम सौंपी गई
सीसीटीवी से खुला राज
- 29 जनवरी 2023 को सुबह 9:47 बजे संदिग्ध टैंकर नारनाडी रोड से गुजरता दिखा
- शाम 4 बजे वही टैंकर एक सफेद कार की एस्कॉर्टिंग में वापस आता दिखा
- कोर्ट ने पाया कि वाहन को कहीं और से लाकर बासनी में कार्रवाई दिखाई गई, जबकि जब्ती मेमो में गलत स्थान दर्शाया गया
हाईकोर्ट की टिप्पणी और आदेश
- जस्टिस फरजंद अली ने कहा: “अगर पुलिस अधिकारी अपराधियों की तरह काम करने लगें, तो जनता का भरोसा उठ जाएगा”
- इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह, हेड कॉन्स्टेबल स्वरूपराम, कॉन्स्टेबल जोहराराम की भूमिका संदिग्ध, कार्रवाई जारी
- इंस्पेक्टर मोहम्मद शफीक खान, देवेंद्र सिंह, कॉन्स्टेबल दलाराम और ACB के एएसपी चक्रवर्ती सिंह राठौड़ की भूमिका सामान्य, कार्रवाई बंद
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सत्यनारायण को मिली जमानत
- कोर्ट ने कहा: सत्यनारायण के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष बरामदगी नहीं, केवल सह आरोपी के बयान पर आधारित
