
Ransomware Protection India:2025 में साइबर अपराध का सबसे खतरनाक रूप बन चुका है रैनसमवेयर — एक ऐसा मालवेयर जो आपके कंप्यूटर या नेटवर्क को लॉक कर देता है और फिर डेटा वापस देने के लिए फिरौती मांगता है। अब यह केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं — छोटे व्यवसाय, स्कूल, अस्पताल और आम नागरिक भी इसके शिकार बन रहे हैं। भारत में पिछले एक साल में रैनसमवेयर हमलों में 38% की वृद्धि दर्ज की गई है।
रैनसमवेयर अब पहले से कहीं ज़्यादा स्मार्ट हो गया है। ये AI का इस्तेमाल करके सिस्टम की कमजोरियों को पहचानता है, और फिर सोशल इंजीनियरिंग के ज़रिए यूज़र को फंसाता है — जैसे कि नकली ईमेल, फर्जी लिंक या संक्रमित अटैचमेंट। कई बार यह डेटा को एन्क्रिप्ट कर देता है और फिरौती की रकम क्रिप्टोकरेंसी में मांगता है — जिससे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
Ransomware Protection India
भारत में हाल ही में कई सरकारी विभागों और अस्पतालों को रैनसमवेयर हमलों का सामना करना पड़ा है, जिससे सेवाएँ ठप हो गईं और संवेदनशील डेटा लीक हुआ। CERT-In और MeitY ने मिलकर अब रैनसमवेयर अलर्ट सिस्टम और साइबर हेल्पलाइन शुरू की है — ताकि आम नागरिक और संस्थाएँ समय रहते प्रतिक्रिया दे सकें। साथ ही, साइबर बीमा और क्लाउड बैकअप जैसी सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि रैनसमवेयर अब केवल तकनीकी समस्या नहीं — बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल आत्मनिर्भरता का मुद्दा बन चुका है। इसलिए ज़रूरी है कि हम साइबर हाइजीन, सतर्कता और तकनीकी उपायों को अपनाकर खुद को सुरक्षित रखें।
🛡️ रैनसमवेयर से बचाव के उपाय
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🔐 उपाय | ✅ विवरण |
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मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन | पासवर्ड के साथ OTP या बायोमेट्रिक सुरक्षा |
डेटा बैकअप | नियमित रूप से क्लाउड या ऑफलाइन बैकअप लेना |
एंटीवायरस और फायरवॉल | रियल टाइम स्कैनिंग और नेटवर्क सुरक्षा |
फिशिंग से सतर्कता | अनजान ईमेल, लिंक और अटैचमेंट से बचना |
सॉफ्टवेयर अपडेट | सभी ऐप्स और OS को समय पर अपडेट रखना |
साइबर जागरूकता ट्रेनिंग | कर्मचारियों और परिवार को साइबर सुरक्षा सिखाना |