
कौशांबी। टेंगाई गांव के युवा किसान रविंद्र कुमार पांडेय ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को अपनाकर न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में इस खेती का प्रचार भी किया। LLB की पढ़ाई के बाद विदेशी नौकरी का ऑफर ठुकराकर उन्होंने 2016 में 50–60 हजार की लागत से खेती शुरू की थी। आज वह प्रति वर्ष ₹4–5 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं।
🌵 ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत
- प्रारंभिक खेती: 10 बिस्वा खेत में 400 पौधे
- प्रजाति: कैक्टस वर्ग का ड्रैगन फ्रूट
- प्रेरणा: जिलाधिकारी अखंड प्रताप और उद्यान अधिकारी मेवा लाल से मुलाकात
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📈 सफलता और विस्तार
- प्रचार: यूपी के 40 जिलों में प्रचार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक कटिंग भेजी
- प्रशिक्षण: अन्य किसानों को सलाह और मार्गदर्शन दिया
- आर्थिक सुधार: पारंपरिक खेती से हटकर नवाचार से आत्मनिर्भरता हासिल
📢 युवा किसानों के लिए संदेश
“बाहर नौकरी करने से अच्छा है कि अपने खेतों में मेहनत करें, ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों कमाए जा सकते हैं।” — रविंद्र कुमार पांडेय