
Shila Mata Temple Amer Jaipur जयपुर के आमेर किले में स्थित शिला माता मंदिर देवी दुर्गा के शिला रूप को समर्पित एक ऐतिहासिक और चमत्कारी तीर्थस्थल है। इस मंदिर का निर्माण 1604 ई. में आमेर के शासक राजा मानसिंह प्रथम ने करवाया था। मान्यता है कि राजा को युद्ध में पराजय के बाद देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और बंगाल के जेसोर (अब बांग्लादेश) से समुद्र में बहती एक शिला से मूर्ति प्राप्त करने का निर्देश दिया। जब वह शिला को साफ किया गया, तो देवी की मूर्ति प्रकट हुई — जिसे आज शिला माता के रूप में पूजा जाता है।
मंदिर की मूर्ति देवी को महिषासुर मर्दिनी रूप में दर्शाती है — एक पैर से राक्षस को दबाते हुए और त्रिशूल से वार करती हुई। यह मूर्ति सदैव वस्त्रों और लाल गुलाब के फूलों से ढंकी रहती है, केवल चेहरा और हाथ दिखाई देते हैं।
Shila Mata Temple Amer Jaipur
मंदिर की वास्तुकला राजपूत शैली में है, जिसमें चांदी से सजे द्वार, भव्य मंडप और पारंपरिक शिल्पकला शामिल हैं। यहाँ प्रतिदिन चार आरतियाँ होती हैं — बाल भोग, जल भोग, राज भोग और शयन आरती। विशेष रूप से नवरात्रि के नौ दिनों में यहाँ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
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मंदिर सुबह 6:00 AM से 12:00 PM और शाम 4:00 PM से 8:00 PM तक खुला रहता है। यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और पारंपरिक पोशाक में दर्शन करना उचित माना जाता है।
Shila Mata Temple Amer Jaipur
शिला माता मंदिर न केवल शक्ति की आराधना का केंद्र है, बल्कि यह आमेर की राजसी परंपरा, श्रद्धा और चमत्कारों से जुड़ी आस्था का जीवंत प्रतीक भी है।