Shrinathji Temple Nathdwara: राजस्थान के राजसमंद ज़िले में स्थित नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के पुष्टिमार्ग का प्रमुख तीर्थस्थल है, जहाँ श्रीनाथजी गोवर्धन पर्वत उठाए मुद्रा में विराजमान हैं। मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी में हुई थी, जब मुगलों के आक्रमण से बचाने के लिए श्रीनाथजी की मूर्ति को गोवर्धन से लाकर यहाँ स्थापित किया गया।
मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक हवेली शैली में है, जिसमें पूजा स्थलों के साथ रसोईघर, भंडार, सेवकों के निवास और चित्रकला से सजे कक्ष शामिल हैं। दीवारों पर बनी पिचवाई चित्रकला और चांदी के दरवाज़े इसकी भव्यता को दर्शाते हैं। मंदिर में दिनभर आठ बार “अष्टयाम दर्शन” होते हैं, जिसमें हर दर्शन में श्रीनाथजी को अलग रूप में सजाया जाता है — जैसे मंगल, श्रृंगार, राजभोग, संध्या और शयन।
Shrinathji Temple Nathdwara
श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए देश-विदेश से आते हैं। विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा, जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा के अवसर पर यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर परिसर में भजन, कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन नियमित रूप से होता है।
Read More : ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर: सृष्टिकर्ता ब्रह्मा का एकमात्र प्रमुख मंदिर
नाथद्वारा उदयपुर से लगभग 45 किमी दूर है और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशालाएँ और होटल श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध हैं। पास में हल्दीघाटी, एकलिंगजी मंदिर और राजसमंद झील जैसे दर्शनीय स्थल भी हैं।
Shrinathji Temple Nathdwara
श्रीनाथजी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक भी है। यहाँ की भक्ति, परंपरा और कला हर आगंतुक को भावविभोर कर देती है।
