
Wedding Muhurta 2021. पांच साल में विवाह के सबसे कम मुहूर्त वर्ष 2021 में होंगे। 2020 में लॉकडाउन और प्रशासन की गाइडलाइन के चलते कई वैवाहिक आयोजन निरस्त हो गए। वहीं नए साल में भी सिर्फ 38 दिन ही शहनाई बजेगी। खरीदी का महामुहूर्त गुरु और रवि पुष्य का संयोग भी आठ दिन बनेगा। इसमें से पांच दिन गुरु पुष्य और तीन दिन रवि पुष्य रहेगा। इसके अलावा दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण भी होंगे।ज्योतिर्विद पं. विजय अड़ीचवाल ने बताया कि पिछले पांच साल में सबसे कम विवाह के मुहूर्त 2021 में हैं। नए साल में 14 जनवरी तक मलमास और 16 जनवरी से 13 फरवरी तक गुरु का तारा अस्त रहेगा। गुरु का तारा उदय होने के एक दिन पहले 12 फरवरी को शुक्र का तारा अस्त हो जाएगा जो 17 अप्रैल को उदित होगा। इस कारण शुरुआती चार माह में सिर्फ चार विवाह मुहूर्त अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में होंगे। ज्योतिर्विद पं. ओम वशिष्ठ ने बताया कि मई-जून में नौ-नौ और जुलाई में तीन मुहूर्त हैं। इसके बाद 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होगी। 15 नवंबर देवोत्थान एकादशी तक चार माह विवाह नहीं हो पाएंगे। नवंबर में सात और दिसंबर में छह मुहूर्त रहेंगे।
badhtikalam.com इन मुहूर्त में बजेगी शहनाई– अप्रैल : 25, 26, 27 व 30 अप्रैल सहित चार मुहूर्त।- मई : 1, 7, 8, 9, 22, 23, 24, 26 व 30 सहित नौ मुहूूर्त।- जून : 5, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24 व 30 सहित नौ मुहूर्त।- जुलाई : 1, 2 व 3 कुल तीन मुहूर्त।
नवंबर : 15, 16, 20, 21, 28, 29 व 30 सहित सात मुहूर्त।- दिसंबर : 1, 2, 6, 7, 11 और 13 सहित छह मुहूर्त।

किस साल कितने विवाह मुहूर्त– 2021 में 38 मुूहूर्त- 2020 में 52 मुहूर्त- 2019 में 111 मुहूर्त- 2018 में 59 मुहूर्त, 2017 में 54 मुहूर्त
आठ दिन रहेगा खरीदी का महामुहूर्त– गुरु पुष्य वर्ष में पांच दिन 28 जनवरी, 25 फरवरी, 30 सितंबर, 28 अक्टूबर और 25 नवंबर को रहेगा।- रवि पुष्य वर्ष में तीन दिन 3 जून, 11 जुलाई और 8 अगस्त को होगा।
दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे– 10 जून को वलयाकार और 4 दिसंबर को पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। हालांकि दोनों ही ग्रहण भारत में नहीं दिखने से इनका कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा।- 26 मई और 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा। पहला ग्रहण पूर्ण और दूसरा आंशिक रहेगा। भारत में पहला चंद्र ग्रहण उपछाया रूप दिखेगा।