
मथुरा। उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी का असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी गंभीर रूप से दिखने लगा है। हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने यमुना नदी के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है, जिससे मथुरा और वृंदावन के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
🌊 प्रमुख घटनाक्रम
- वृंदावन में प्रतिबंध: भक्तों की आवाजाही पर रोक, मंदिरों तक जाने वाले रास्ते सील
- केशी घाट बंद: सभी मार्ग प्रशासन ने बंद किए
- रिहायशी संकट: जयसिंहपुरा और आसपास की कॉलोनियों में कमर तक पानी
- बिजली कटौती: कई इलाकों में बिजली बंद, बच्चे बीमार
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🚨 राहत कार्यों की स्थिति
- स्थानीय लोगों का आरोप: दो दिन से कोई अधिकारी नहीं आया
- राहत शिविर अधूरे: न नावों की व्यवस्था, न जरूरी सामग्री
- एक महिला का बयान: “बच्चे बीमार हैं, बिजली नहीं है, खाने को कुछ नहीं बचा… हम भगवान भरोसे हैं”
🛑 प्रशासनिक प्रतिक्रिया और चेतावनी
- प्रशासन ने कहा कि राहत कार्य जारी हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग
- जिलाधिकारी और नगर निगम ने बाढ़ चौकियों की संख्या बढ़ाने की बात कही