अधिकारी कोविड और ब्लैक फंगस महामारी के प्रबन्धन के साथ जन-जीवन को पटरी पर लाने के लिए करें प्रयास

जयपुर जिले में कोरोना, ब्लैक फंगस महामारी के प्रबन्धन एवं विभिन्न विकास कायोर्ं की समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया एवं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दिए निर्देश
Covid & Black fungus:
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने रविवार को जयपुर के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में कोरोना एवं ब्लैक फंगस महामारी के नियंत्रण एवं प्रबन्धन के लिए किए जा रहे कायोर्ं एवं विभिन्न विभागों से सम्बन्धित विकास कायोर्ं की समीक्षा की।
दोनों मंत्रियों ने समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मई माह में कोविड 19 के संक्रमण की दूसरी लहर का पीक गुजर जाने के बाद कोविड के मामले तेजी से कम हुए हैं और अब जन जीवन को फिर से पटरी पर लाना है। कोरोना, ब्लैक फंगस महामारी से मुकाबले और अनलॉक के जरिए जनजीवन को सामान्य करने की प्रक्रिया साथ-साथ चलेगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए जयपुर और प्रदेश में हर वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द कोविड का वैक्सीनेशन कराया जाना आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवाओं में सीएचसी-पीएचसी को और मजबूत बनाना है। कोविड के मामलों में आई कमी के बावजूद अभी ब्लैक फंगस का खतरा बना हुआ है, सरकार इसके लिए इंजेक्शनों की कमी दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही हैं। साथ ही मानसून नजदीक होने के कारण बिजली-पानी-सड़क जैसी आधारभूत सेवाओं, कृषि क्षेत्र पर भी ध्यान देना जरूरी है।

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कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि चिरंजीवी योजना में शामिल सभी अस्पतालों पर बडे़ आकार का बोर्ड लगाकर अस्पताल में इसके अन्तर्गत होने वाले इलाज की जानकारी दी जाए। साथ ही अस्पताल भर्ती के समय ही मरीज को पूरी बात समझाकर भर्ती करें, यदि वे किसी कारण योजना का लाभ देने में सक्षम नहीं हैं तो उसे सही अस्पताल में रैफर करें। उन्होंने सीएमएचओ एवं जिला प्रशासन को इसे सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।
कटारिया ने सीएमएचओ को विशेष रूप से ग्रामीण सीएचसी पीएचसी पर चिकित्सकों की रोस्टर बनाकर रात्रिकालीन पारी में भी ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने महंगी मोबाइल एम्बुलेंस खरीद के बजाय अधिक संख्या में सस्ती मोबाइल वैन खरीदने के निर्देश दिए जिससे अधिक बडे़ क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। कटारिया ने कहा कि कई सरकारी कर्मचारियों की भी मृत्यु कोरोना से हुई है। राजकीय अधिकारी उनके घर जाएं, संवेदना प्रकट करने के साथ ही भविष्य में उनके पात्र वारिस को अनुकम्पा नियुक्ति में सहायता करें।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वे स्वयं 28 बार विभिन्न निजी और राजकीय अस्पतालों और आइसीयू में कोरोना मरीजों के बीच गए। कई जगह अटेण्डेंट को परिजन से मिलने तक नहीं गया। उन्होंने निर्देश दिए कि अगर किसी निजी अस्पताल में अटेण्डेंट को उसके परिजन से मिलने नहीं दिया गया तो कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने भी कहा कि चिंरजीवी योजना में शामिल हुए अस्पताल के लिए इसकी शतेर्ं मानना बाध्यकारी है।  परिवहन मंत्री ने कहा कि किसी कोरोना अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का काम रुकना नहीं चाहिए। साथ ही वैक्सीनेशन पॉलिसी को दुरूस्त कर मोबाइल वैन के जरिए ऑटो वाले, कच्ची बस्तियां, बोझा ढोने वाले मजदूर वर्ग के लोगों का भी वैक्सीनेशन किया जाए। वैक्सीनेशन की जानकारी सोशल मीडिया और स्थानीय विधायक को जरूर दी जाए। साथ ही दिखवाएं कि निजी अस्पताल वैक्सीनेशन में असंगत मुनाफाखोरी नहीं करें। उन्होंने कहा कि कई बार निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना इलाज का ज्यादा बिल बनाने और नहीं चुकाने पर बॉडी नहीं देने की शिकायतें भी सामने आईं। अगर कोई अस्पताल ऎसा करेगा तो जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि कोरोना से हुई हर मृत्यु के प्रमाणपत्र पर मौत का कारण कोराना लिखा जाना चाहिए।
कटारिया और खाचरियावास ने बैठक में जेडीए, नगर निगम, जलदाय, रसद, विद्युत, पीडब्ल्यूडी, खनिज एवं श्रम विभाग के कायोर्ं की भी समीक्षा की। जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने जयपुर जिले में कोविड महामारी के दौरान जिला प्रशासन द्वारा इसके प्रबन्धन के विभिन्न पक्षों के सम्बन्ध में आंकड़ों सहित जानकारी दी। बैठक में सभी अतिरिक्त जिला कलक्टर, पुलिस एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

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माता-पिता की मृत्यु के बाद निराश्रित बच्चों के लिए बन रही है ‘‘मॉडल पॉलिसी’’
खाचरियावास ने बताया कि कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चों के लिए उनके स्तर पर त्वरित सहायता के लिए 9 लाख रुपए की प्रारम्भिक राशि से ‘‘किड्स केयर वेलफेयर फण्ड’’ प्रारम्भ किया गया है। जो भी व्यक्ति इसमें सहायता करना चाहे सीधे ही लाभार्थी तक सहायता पहुंचा सकेंगे। कई स्कूल भी इन बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने के लिए सम्पर्क कर रहे हैं। राज्य सरकार के स्तर भी पहले से जारी पालनहार योजना के साथ ही एक ‘‘मॉडल पॉलिसी’’ बनाने पर काम जारी है। जिला कलक्टर नेहरा ने बताया कि जयपुर में भी इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है।
शहर में सफाई कार्य से समझौता नहीं
परिवहन मंत्री खाचरियावास ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान शहर में सफाई कार्य बंद किया जाना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने दोनों निगमों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कम्पनी द्वारा कचरा नहीं उठवाया जाए तो विधानसभावार टेण्डर कर लिए जाएं। इस पर नगर निगम जयपुर ग्रेटर के आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने उन्हें जानकारी दी कि सफाई व्यवस्था एक-दो दिन में सुचारू हो जाएगी।