लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध होगी कड़ी कार्यवाही- मुख्य सचिव
‘‘विशेष निरोधात्मक अभियान’’ की समीक्षा बैठक
जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राज्य के सम्भागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला पुलिस अधिक्षकों, आबकारी आयुक्त एवं जिला आबकारी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि वे अवैध व हथकढ़ शराब बनाने व उसके वितरण के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही करें तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सरकार कड़ी कार्यवाही करेगी।
आर्य ने कहा कि राज्य में 16 जनवरी से चल रहे ‘‘विशेष निरोधात्मक अभियान’’ में जिला प्रशासन, पुलिस एवं आबकारी विभाग संयुक्त रूप से कार्यवाही को निरंतर जारी रखें। मुख्य सचिव शुक्रवार को शासन सचिवालय आबकारी विभाग की बैठक में अवैध व हथकढ़ शराब उत्पादन के खिलाफ15 दिवसीय ‘विशेष निरोधात्मक अभियान’ की प्रगति एवं वस्तुस्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने बैठक में वेबिनार के माध्यम से जुड़े सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि अवैध और हथकढ़ मदिरा उत्पादन को तुरंत प्रभाव से विशेष रणनीति अपनाते हुए रोकें। उन्होंने कहा कि एस.एच.ओ. या सी.ओ. को भनक लगते ही इसके विरूद्ध तुरंत कार्यवाही आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीट सिपाही को इस संबंध में विशेष निर्देश देें। उन्होंने मुखबिर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत मिलने वाली एक लाख रूपये की राशि का भी अधिक से अधिक प्रसार-प्रचार करने के निर्देश दिए।
श्री आर्य ने कहा कि सी.एन.जी. ग्राम रक्षकों के साथ मिलकर एस.एच.ओ. अवैध शराब बनाने के बैक ग्राउण्ड रखने वाले व्यक्तियों पर भी नजर रखकर उन्हंंे टैग किया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार शराब दुखान्तिका जैसी घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी तथा इसके लिए लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। मुख्य सचिव ने जिला आबकारी अधिकारियों को प्रतिदिन फील्ड विजिट कर अवैध व हथकढ़ शराब बनाने वाले लोगों और स्थानों का पता लगाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने सभी सम्भागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे अवैध और हथगढ़ शराब बनाने वाले समुदायों, परिवारों और व्यक्तियों का सघन अभियान चला कर उनका चिन्हीकरण करें और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य में चलायी जा रही ‘‘नवजीवन योजना’’ के अन्तर्गत उनका पुनर्वास करने में सक्रिय भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत अवैध व हथकढ़ शराब का उत्पादन और सेवन करने वालों के विरूद्व अत्यंत गम्भीर हैं तथा इस बुराई से लोगों को दूर रखने के लिए ही यह योजना बनायी गयी है।
श्री आर्य ने निर्देश दिये कि कलेक्टर अपनी रात्रि चौपालों में इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए ग्रामीणों को इसके खिलाफ जागरूक करें। उन्होंने कहा कि हथकढ़ शराब बनाने वालों की पहचान के लिए पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी और गिरदावर जैसी रेवेन्यु मशीनरी का उपयोग करने के निर्देश दिये।
वेबिनार को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक श्री एम.एल. लाठर ने जिला पुलिस अधीक्षकों से कहा कि राज्य में ऎसा माहौल बनाना होगा जिससे अवैध शराब निर्माण की गतिविधियों पर पूर्णतया अंकुश लग जाये। इसके लिए विशेष सर्च अभियान चलाना होगा। उन्होंने कहा कि किसी थाना क्षेत्र में अवैध शराब दुखान्तिका जैसी घटनाएं होती हैं तो उस क्षेत्र के थानाधिकारी सहित अन्य स्टॉफ पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार, वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोरा उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला पुलिस अधीक्षकों, आबकारी आयुक्त एवं जिला आकबारी अधिकारियों ने वेबिनार के माध्यम से भाग लिया।
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