गाँव के लाल ने किया कमाल, जीती दो लाख चालीस हजार की फेलोशिप

गंगापुर सिटी के छोटे से गाँव कुसांय से निकलकर अपनी मेहनत और लगन से पूरे राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी प्रसिद्ध युवा चित्रकार के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले लाखन सिंह जाट को वर्ष 2019-20  की जूनियर फैलोशिप के लिए चुना गया है। हाल ही में सीसीआरटी, नई दिल्ली ने इसके लिए सूची जारी की है।

लाखन सिंह जाट को चित्रकला के क्षेत्र में अपनी बेहतरीन चित्रकारी से नए आयाम स्थापित करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर, भारत सरकार द्वारा यह फेलोशिप दी गई है।

इस फेलोशिप के तहत दो लाख चालीस हजार रुपये भी दिए जाएंगे।  गंगापुर सिटी है जन्मभूमि – लाखन सिंह का जन्म वर्ष 1986 में गंगापुर सिटी के छोटे से गांव कुसाँय में हुआ। वे एक किसान परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। इन्होंने अपनी कला की शिक्षा दीक्षा राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट, जयपुर से वर्ष 2009 में पूरी की। उसके बाद से यह एक स्वतंत्र चित्रकार के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं । लाखन को वर्ष 2011 में राज्य पुरस्कार ललित कला अकादमी, राजस्थान के साथ ही अन्य विशेष सम्मान भी प्राप्त हैं।

लाखन के चित्रों की एकल एवं सामूहिक प्रदर्शनी भी देश के कई हिस्सों में लगाई जा चुकी हैं और कई कला शिविरों में भी भागीदारी सुनिश्चित कर चुके हैं। लाखन के चित्रों की यदि बात करें तो इनके चित्रों में राजस्थान की एक सुंदर झलक मिलती है । लाखन अपने ग्रामीण जीवन को विशेष महत्व देते हैं।

लाखन देश के युवा चित्रकारों में अपनी विशेष पहचान रखते है। अपनी कला में रूपाकारों और रंगों के ऐसे प्रयोग कर रहे हैं जो अभूतपूर्व नए अहसास हमें कराते हैं। छोटे से गांव से जयपुर शहर आये चित्रकार लाखन किस तरह अपने रचना संसार में अपने बचपन और गांव से जुड़े हुये हैं यह कितना महत्वपूर्ण है एक कलाकार का अपनी जड़ों से जुड़ा होना।

लाखन ने बताया कि किस तरह वे आज भी अपने गांव और वहां के जीवन को अंदर तक महसूस करते हैं । वहां की आबो हवा, वहाँ की मिट्टी, किस तरह से उनके चित्रों के रंगों पर अपना प्रभाव डालती है । लाखन ने अपने चित्रों में जीवन की सच्ची कहानियों और किस्सों को संजोया है। लाखन के चित्रों में उनके बचपन की स्मृतियों के साथ साथ ग्रामीण परिवेश और लोक जीवन की झलक मिलती है । उनके चित्रों में प्रमुखता से बचपन मे बच्चों के खेल , ग्रामीण रहन सहन , पशुपक्षी , जीव जंतु और लगातार परिवर्तित होती हुई प्रकृति को भी प्रतीकात्मक रूप से देखने को मिलती हैं ।