
जयपुर जिले के 177 गांव होंगे शामिल, अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने पर जोर
जयपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदि कर्मयोगी अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय को विकसित भारत के निर्माण से जोड़ने के लिए चलाया जा रहा है। इसके तहत पूरे देश के एक लाख एसटी बाहुल्य गांवों में 20-20 व्यक्तियों का चयन कर उन्हें आदि सहयोगी और आदि साथी के रूप में जोड़ा जाएगा। इस पहल का उद्देश्य जन-केंद्रित शासन और अंतिम छोर तक सेवा संतृप्ति सुनिश्चित करना है।
जयपुर जिले में इस अभियान के लिए 10 ब्लॉकों के 177 गांवों का चयन किया गया है। यह अभियान 2030 तक चलेगा और इसका संचालन जनजातीय कार्य मंत्रालय के माध्यम से किया जा रहा है। यह योजना पीएम-जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन, ईएमआरएस विस्तार और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के साथ जुड़ी हुई है।
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समुदाय की भागीदारी: ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्रधानाध्यापक, स्वास्थ्यकर्मी, कृषि पर्यवेक्षक और सहकारी समिति के प्रबंधक जैसे कर्मचारियों को आदि कर्मयोगी के रूप में चुना जा रहा है।
स्थानीय नेतृत्व: ग्राम के युवा, शिक्षक, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, वार्ड पंच, सरपंच और अन्य सामुदायिक नेताओं को आदि सहयोगी और आदि साथी बनाया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य: सहभागी शासन को मजबूत करना, सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास बहाल करना और जनजातीय क्षेत्रों में 17 विभागों की 25 गतिविधियों के जरिए सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना।
यह अभियान वर्तमान में बीटा संस्करण के रूप में शुरू हुआ है और इसे जनजातीय क्षेत्रों में उत्तरदायी शासन और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है