राम भरोसे चल रहा नगर परिषद् कार्यालय

अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठने का समय निर्धारित नहीं, आमजन को हो रही परेशानी

गंगापुर सिटी। कमरे हैं तो अधिकारी व कर्मचारी नहीं। उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछो तो जवाब मिलता है कि यहीं कहीं होंगे। फील्ड में गए होंगे। बाहर गए होंगे, अभी आते होंगे। काम के लिए पहुंचे आमजन परेशान होकर अपने घर को लौट जाते हैं। ऐसी बदतर स्थिति है यहां के नगर परिषद् कार्यालय की।
नगर परिषद कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारियों के बैठने का कोई निर्धारित समय नहीं है। मन के मालिक हैं। जब चाहें बैठें, जब चाहें नहीं बैठें। लंच टाइम में भी अधिकारियों व कर्मचारियों के आने-जाने का समय निर्धारित नहीं है। आमजन जब अपने काम के लिए परिषद् कार्यालय पहुंचते हैं तो कर्मचारी नहीं मिलते। मिल भी जाते हैं तो उनका कार्य पूरा नहीं होता। उन्हें दूसरे दिन आने की कह कर टाल देते हैं। जो अधिकारी व कर्मचारी परिषद् में मौजूद होते हैं, लेकिन अन्य कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण आमजन के काम अधूरे रह जाते हैं।
वर्तमान में आयुक्त का पदभार एसडीएम विजेन्द्र मीना के पास है, वे उपजिला कलक्टर कार्यालय में बैठते हैं। इस कारण परिषद कार्यालय में मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी का भय नहीं है।
जनप्रतिधियों का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। सभापति भी परिषद् कभी-कभी ही पहुंचते हैं। परिषद् कार्यालय वर्तमान में राम भरोसे चल रहा है। वर्तमान में कोई धणी-धोरी नहीं है। उच्चाधिकारी इससे वाकिफ है लेकिन आमजन की सुनने वाला कोई नहीं। आखिर कब सुधरेगी यह व्यवस्था, कोई नहीं जानता।