
राजकीय चिकित्सालय जाने वाले मुख्य रास्ते पर धूल फांकने को मजबूर आम आदमी
गंगापुर सिटी. वैसे तो गंगापुर सिटी शहर में विकास के नाम पर कहीं दूर-दूर तक कुछ दिखाई नहीं देता। बमुश्किल यदि कहं कुछ सुविधाओं के नाम पर कुछ विकास कार्य दिख भी जाए तो उसे क्षेत्र के स्थानीय लोग नगर परिषद की कमियों और अपनी मजबूरी का रोना रोते नजर आ जाते हैं।
ऐसे ही कुछ हालात गंगापुर सिटी के राजकीय चिकित्सालय जाने वाले मुख्य मार्ग के हैं, जो कि पिछले दो माह से जस के तस बने हुए हैं। वर्षों बाद प्रशासन ने हजाराों शिकायतों के बाद यहां के मुख्य मार्ग की सुद ली। लेकिन सडक़ बनाने वाले ठेकेदार और नगर परिषद् के द्वारा सडक़े तो बना दी गई लेकिन सडक़ पर डाली गई मिट्टी को उठाना भूल गए। लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी आज तक सडक़ पर डाली गई मिट्टी, नहीं उठाई गई है। इससे यहां के स्थानीय निवासी और आने जाने वाले लोग दिनभर धूल भरे गुबार से परेशान रहते हैं। वैसे भी राजकीय चिकिसालय का मुख्य रास्ता होने की वजह से दिनभर ट्रैफिक का आवागमन और दबाव बना रहता है। दूसरी ओर यदि रास्ते की चौड़ाई की बात करें तो सडक़ के दोनों और दुकानदार और आने-जाने वाले लोगों के वाहन खड़े रहते हैं। दुकानदारों की मोटरसाइकिल के अलावा आने-जाने वाले लोग अपने वाहनों को बेतरतीब तरीके से खड़े करके रास्ते को अवरुद्ध कर देते हैं और फिर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे हालातों में आखिर आम आदमी करे भी तो या करे? प्रशासन सुद लेता नहीं आम आदमी कुछ कर सकता नहीं। कुछ ही दिनों बाद बारिश शुरू होने वाली है। अब बारिश में सडक़ पर फैली हुई मिट्टी, अपने आप बहकर नालों में चली जाएगी और फिर एक और समस्या पैदा होगी। नाले उफान पर होंगे और सडक़ों पर पानी भर जाएगा। लोग परेशान हो तो होते रहे। बस प्रशासन मूक दर्शक बनकर बैठ कर देखता रहेगा।