
जयपुर। बरसाती मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए करौली जिले में स्वास्थ्य विभाग की 380 टीमों ने पिछले एक महीने में 71,955 घरों का सर्वे किया। इसमें से 2021 घरों में मच्छर का लार्वा पाया गया।
सीएमएचओ डॉ. जयंतीलाल मीणा ने बताया कि अच्छी बारिश के कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इससे मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है। विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और एंटी-लार्वा गतिविधियां चला रही हैं।
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डिप्टी सीएमएचओ डॉ. ओपी महावर ने बताया कि मच्छर बनने में 10-12 दिन का समय लगता है। ऐसे में यदि समय रहते पानी को सुखा दिया जाए या उसमें काला तेल डाला जाए तो मच्छरों की संख्या कम की जा सकती है।
आमजन के लिए सुझाव :
- कूलर को सप्ताह में एक दिन जरूर सुखाएं।
- कहीं भी पानी जमा न होने दें।
- पानी की टंकियों और बर्तनों को ढककर रखें।
- जमा पानी में काला तेल डालें या बाहर बहा दें।
विशेषज्ञों ने बताया कि बारिश के मौसम में एक मादा मच्छर हजारों अंडे देती है। ये अंडे नमी और साफ पानी मिलने पर कुछ ही दिनों में मच्छर बन जाते हैं। यदि समय पर पानी हटाया जाए तो मच्छरों की बढ़ती संख्या को आसानी से रोका जा सकता है।