गंगापुर सिटी। चिडिय़ा रानी बड़ी सयानी… सालों पहले हम गाते थे। आज चिडिय़ा बहुत कम देखने को मिलती है, क्योंकि आपाधापी में हमने उनका रक्षण करना बंद कर दिया था। आज छोटे-छोटे बच्चों को देखकर लगता है कि हमें अपने नन्ने-मुन्नों को बचपन से ही पर्यावरण प्रेमी बनाना चाहिए, ताकि हम हमारे आसपास मौजूद पक्षियों की प्रजातियां बचा सके। नहर रोड पर अपने मकान की छत पर नन्ने-मुन्ने बच्चे दर्शील गोयल, परी, विदिशा ने पक्षियों के लिए परिंडा लगाया।
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