रोटी-कपड़ा-मकान की तरह शिक्षा आज की जरूरत- दीपक नरूका

गंगापुर सिटी। बच्चों को आरटीआई की जानकारी देते पलाश मीना।

गंगापुर सिटी। शुक्रवार को मानव सेवा संस्थान के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स.मा. की ओर से चलाए जा रहे अभियान में शिक्षा से वंचित बच्चों के प्रवेश के लिए विशेष अभियान विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम पलाश मीना थे। विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सुमन मीना, प्रधानाचार्या राजबाला फौजदार, रिया हॉस्पीटल निदेशक डॉ. महेन्द्र मीना थे। अध्यक्षता मानव सेवा संस्थान अध्यक्ष दीपक नरूका ने की।
शिक्षा से वंचित बच्चों के प्रवेश के लिए कानूनी जानकारी प्रदान करते हुए पलाश मीना ने कहा कि आर टी ई के तहत 25 प्रतिशत निजी स्कूलों में सीटों का आरक्षण एवं राजकीय विद्यालयों में छात्रवृति सुविधा जैसी अनेक जानकारी प्रदान की और कहा कि जानकारियों का उद्देश्य यही है कि कोई भी बच्चा ड्राप आउट नहीं हो। इसी प्रकार एजेएम सुमन मीना ने अनुच्छेद के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों की अनिवार्य शिक्षा एवं बाल विवाह निषेध कानून के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की।
मानव सेवा संस्थान के अध्यक्ष दीपक नरूका ने कहा कि जिस प्रकार हमें रोटी कपड़ा मकान की जरूरत होती है वैसे ही हमें आज शिक्षा की जरूरत है, इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी बनती है की हमारे आसपास कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। हायर सैकण्डरी स्कूल की प्रधानाचार्य राजबाला फौजदार ने कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे इसके लिए सभी शिक्षकों को अहम भूमिका निभानी चाहिए।
इस मौके पर मानव सेवा संस्थान द्वारा शारदे बालिका छात्रावास में कराये कार्यों की सरहाना की। साथ ही संस्था और रिया हॉस्पिटल से स्कूल के विकास में योगदान के लिए हमेशा आगे रहने का आग्रह किया। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष दिनेश करणपुर, देवेश पीतलिया, सह सचिव अनिल मालधनी, कोषाध्यक्ष शिवचरण अग्रवाल, पंकज मंगलम, संजय ठीकरिया, संतोष गुप्ता, आलोक मालधनी, विमल गुप्ता, हनुमान नारौली, मुकेश बाबा, अरविन्द तिवाड़ी, संतोष मेडी, मुकेश बारदाना, कमलेश गुप्ता, मुकेश गोयल, गिर्राज ठीकरिया, कृपाशंकर उपाध्याय, सरफुद्दीन टीटी, धर्मेन्द्र गुप्ता, नरेन्द्र मीना, डीके शर्मा, मदन खण्डेलवाल सहित छात्र एवं विद्यालय स्टाफ मौजूद था।