गुर्जर समाज और गहलोत सरकार के बीच समझौता, इन 6 मांगों पर बनी सहमति

आंदोलन (Gurjar Reservation Movement) के 11वें दिन गुर्जर नेताओं और राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Government) के बीच आखिरकार समझौता हो गया है. इस समझौते के तहत गुर्जर समाज ने 6 मांगों पर अपनी सहमति दे दी है.

आखिरकार 11 दिन बाद गुर्जर आंदोलन खत्म हो गया। राज्य सरकार ने गुर्जर समाज की सभी छह मांगें मान ली हैं। बुधवार को सरकार की मंत्री मंडलीय उप समिति व 17 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के बीच समझौता हो गया। सरकार की ओर से तैयार किए गए 6 बिंदुओं के समझौता पत्र पर गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपनी सहमति दे दी। इसके बाद देर रात कर्नल बैंसला सीएम अशोक गहलोत से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उनके साथ उनके पुत्र विजय बैंसला व अन्य गुर्जर प्रतिनिधि भी थे। सरकार से समझौता होने के बाद विजय बैंसला ने कहा कि वे गुर्जर नेताओं के साथ पटरी पर जाएंगे। वहां गुर्जर समाज के साथ चर्चा करने के बाद आंदोलन समाप्त करने की विधिवत घोषणा करेंगे। समझौता वार्ता के बाद सरकार ने 6 बिंदु का समझौता पत्र जारी कर दिया। हालांकि, विजय बैंसला ने बताया, प्रक्रियाधीन भर्तियों व बैकलॉग को लेकर मामला अभी नहीं सुलझा। इसके लिए अभी कुछ बैठकें और होनी हैं। उन्होंने कहा कि जो मांगें पिछले 2 सालों से पूरी नहीं हो रही थीं, वे इस समझौते में हो गईं। विजय बैंसला ने कहा, पिछले दिनों राज्य सरकार के मंत्री व गुर्जरों (हिम्मत सिंह गुट के गुर्जर) का जो समझौता हुआ था, वह मान्य नहीं है।

मंत्री बदलने पड़े; सब कमेटी में चांदना-रघु को जगह नहीं, बीडी कल्ला, सुभाष गर्ग व टीकाराम हुए शामिल गुर्जर आरक्षण को लेकर राज्य सरकार की ओर तय की गई सब कमेटी में मंत्रियों को बदला गया है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और खेल मंत्री अशोक चांदना को बैंसला के साथ हुई वार्ता कमेटी में नहीं रखा गया। सब कमेटी में बिजली-पानी मंत्री बीडी कल्ला, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने राज्य सरकार की ओर से गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ समझौता किया है। बता दें कि सरकार और गुर्जर समाज के प्रतिनिधि दल के बीच जयपुर में 2.30 बजे से बातचीत हुई। इसमें कर्नल बैंसला, उनके बेटे विजय और समाज के बड़े नेता मौजूद रहे। बैठक मुख्य सचिव निरंजन आर्य द्वारा ली गई। इसमें डीजीपी एमएल लाठर, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अभय कुमार, वित्त विभाग, कार्मिक विभाग के आला अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे।

ये 6 मांगें थीं

1. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 3 लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए और आश्रित सदस्य को नौकरी दी जाएगी। 2. एमबीसी के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन शृंखला के समकक्ष लाभ देंगे। 3. आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। 4. प्रक्रियाधीन भर्तियों के संबंध में एक समिति गठित की जाएगी। 5. 15 फरवरी 2019 को मलारना डूंगर में हुए समझौता बिंदु 5 के अनुसार भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। 6. देवनारायण योजना अंतर्गत जयपुर में एमबीसी वर्ग के बालिका छात्रावास के लिए 50 बेड मंजूर हो चुके हैं। 50 नए बेड भी स्वीकृत किए जाएंगे।

11 दिन से रेलवे ट्रैक पर बैठे गुर्जर

बताया जा रहा है कि बयाना में 223 आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज होने को लेकर बैंसला गुट के गुर्जर नाराज थे। गुर्जर समुदाय बैकलॉग एवं प्रक्रियाधीन भर्तियों में आरक्षण का लाभ दिए जाने समेत 6 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 11 दिन से भरतपुर के पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं।

मांगें नहीं मानी तो दिल्ली समेत एनसीआर में लगाएंगे जाम
इससे पहले मंगलवार को ग्रेटर नोएडा से गुर्जर समाज का 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पहुंचा। यहां बैठे आंदोलनकारियों से नोएडा से आए जतन प्रधान ने कहा कि पूरे भारत का गुर्जर समाज एक है। अगर समय रहते राजस्थान सरकार ने गुर्जर समाज की मांगें नहीं मानी तो कर्नल बैंसला के एक आह्वान पर दिल्ली सहित पूरे एनसीआर को जाम कर देंगे। इसके लिए राजस्थान सरकार ही जिम्मेदार होगी।