कोरोना का कहर: 45 हजार अफसर व कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 5 करोड़

जयपुर। राजस्थान की जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम के करीब 45 हजार अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोरोना महामारी से उत्पन्न आपदा में जरूरतमंदों को सहयोग देने के लिए आर्थिक सहायता दी है। इन सभी ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है। एक दिन का मूल वेतन करीब पांच करोड़ रुपए है। जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने सोमवार को पहल करते हुए पहले इंजीनियरों व कर्मचारी संगठनों से बात की, इसके बाद सभी चीफ इंजीनियर व लेखा विंग के अधिकारियों को एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के आदेश दे दिया। इसके बाद अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों ने भी पहल की है। जयपुर डिस्कॉम के संयुक्त निदेशक (कार्मिक) एनएस नाथावत ने लिखा है कि कोरोना महामारी से उत्पन्न आपदा में जरूरतमंदों को सहयोग देने के लिए अधिकारियों व कर्मचारी संघों ने एक दिन का वेतन अपने अंशदान के तौर पर राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष में देने का निर्णय किया है। इसके लिए मार्च के वेतन में एक दिन का मूल वेतन के समान राशि की कटौती की जाए। इस सहायता राशि के बदले इनकम टैक्स में छूट मिलेगी। ऊर्जा मंत्री, उद्योग व महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दिया एक महीने का वेतन
ऊर्जा विभाग, उद्योग मंत्री और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने अपने अपने क्षेत्र में व मास्क के लिए विधायक कोष से एक एक लाख रुपए देने की घोषणा की है। इसके साथ ही कोरोना के लिए अपना एक महीने का वेतन स्वेच्छा से मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश ने सोमवार को अपना वेतन देने और विधायक राहत कोष से फंड देने को लेकर प्रक्रिया कर दी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में सहयोग करने के लिए तथा कोरोना महामारी से निपटने एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए मार्च का वेतन स्वेच्छा से मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष में दे रहे है।