डीएम और एसपी ने व्यापारियों, मैरिज गार्डन संचालकों की बैठक लेकर गाईडलाइन की पालना के दिये निर्देश

कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने एवं एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित करने के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक लेकर निर्देश देते कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक।

कोरोना संक्रमण प्रसार को रोकने के लिये प्रशासन अलर्ट
सवाईमाधोपुर।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडिया ने मंगलवार को पुलिस, प्रशासन तथा अन्य विभागों के अधिकारियों, मैरिज गार्डन संचालकों, व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठकें की। संक्रमण का ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाव रोकना सुनिश्चित करने के लिये उन्होंने सीईओ, सभी विकास अधिकारियों और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की भी बैठक ली।
शादी समारोह में 100 से अधिक अतिथि मिले तो 25 हजार का जुर्माना कई स्तर पर
जिला कलेक्टर ने मैरिज गार्डन संचालकों की बैठक में बताया कि हमारा मकसद डराना या जुर्माना वसूलना नहीं है। हम लोगों की जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं और कोई व्यक्ति इसमें बाधा डालेगा तो प्रशासन किसी भी सूरत में यह बर्दाश्त नहीं करेगा। शादी समारोह में 100 से अधिक व्यक्ति मिलने पर आयोजक के साथ ही मेरिज गार्डन संचालक पर भी 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही राजस्थान महामारी अधिनियम में कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा मैरिज गार्डन को सीज भी किया जा सकता है।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शादी समारोह में अतिथियों को किश्तों में बुलाकर खुद को या प्रशासन को धोखा देने का प्रयास न करें। हमारी मशीनरी पूरी तत्परता से निगरानी कर रही है। एक समारोह में कुल 100 व्यक्ति से ज्यादा किसी भी हालत में शामिल नहीं होने चाहिये। शादी समारोह खुशी का मौका होता है। इस मौके का इस्तेमाल स्वयं या अपने मिलने वालों को कोरोना संक्रमित करने के लिए न करे।
कलेक्टर ने बताया कि शादी समारोह की वीडियोग्राफी करवानी होगी। यह कार्य आप करें और आयोजक से भी वीडियोग्राफी करवायें ताकि साबित हो सके कि 2 गज दूरी, मास्क, सेनेटाइजेशन और अधिकतम मेहमानों सम्बंधी नियमों की पूर्ण पालना की गई है। आप सुनिश्चित कर लें कि आपके यहां आयोजित हो रहे विवाह कार्यक्रम की पूर्व सूचना एसडीएम को दे दी गई है। पुलिसए प्रशासन या अन्य सरकारी ऐजेंसी का कोई कार्मिक निरीक्षण के लिये आये तो उसे पूर्ण सहयोग दें।
कलेक्टर ने बताया कि भोजन कर रहे व्यक्ति के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति चाहे आयोजक हो या मेहमान या मेरिज गार्डन का कार्मिक, बिना मास्क नहीं पाया जाये। 6 फीट की सामाजिक दूरी रखें, नो मास्क नो एंट्री की पालना करें, बिना मास्क वाले किसी व्यक्ति को प्रवेश न दें या आप अपने स्तर पर मास्क पहनाकर उसे प्रवेश दें। स्क्रीनिंग और स्वच्छता की पालना करें। एंट्री, एक्जिट प्वाइंट्स और कॉमन एरिया में थर्मल स्कैनिंग, हैण्डवाश और सेनेटाइजर के प्रावधान करें। कुर्सी, डोर हैण्डल, सतह, फर्श आदि की बार-बार सफाई सुनिश्चित करें।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सैम्पलिंग की संख्या बढायें। लंग्स से सम्बंधित रोगी, 65 साल से अधिक और 10 साल से कम आयु वाले व्यक्ति, गर्भवती महिला, कोरोना स्प्रेडर, गम्भीर बीमारियों से पीडित व्यक्ति, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों का प्राथमिकता के आधार पर सैम्पल लें। निजी अस्पतालों से समन्वय कर वहां आने वाले इन श्रेणियों के सभी मरीजों और उनके अटैंडेंट के भी सैम्पल लेने की व्यवस्था करें।
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि केमिस्ट को समझायें कि किसी भी व्यक्ति को बिना प्रेस्क्रिप्शन खांसी, जुकाम, बुखार की दवा न दें। उन्हें अस्पताल जाने और जरूरी होने पर आरटी-पीसीआर जॉंच करवाने की सलाह दे। कुछ लोगों ने कोरोना संक्रमण होने के बाद भी जांच से डरकर अपने स्तर पर दवा ली और कोरोना जॉंच नहीं करवाई । इससे उनका समय पर इलाज शुरू नहीं हुआ तथा लंग्स और किडनी फैल हो गए। समय पर जांंच हो जाये तो उपचार सही समय पर मिल जाता है जिससे प्राण बचने की ज्यादा सम्भावना रहती है तथा उसके कॉन्टैक्ट में आये व्यक्ति भी समय पर सचेत होकर जांच करवा लेते हैं।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि घरों में आइसोलेटेड कोरोना पॉजिटिव मरीजों को नि:शुल्क किट दें, उनके स्वास्थ्य का नियमित फीडबैक लें, उन्हें ऑक्सीमीटर का निरन्तर उपयोग करने की सलाह दें, आवश्यकता होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने का प्लान बनाकर रखें। उन्होंने कोरोना चिकित्सा में लगे निजी अस्पताल प्रबंधन से बेहतर समन्वय रखने के निर्देश दिये ताकि मरीज से निर्धारित दर से अधिक वसूली न हो, समय पर बेहतर उपचार मिले। ऐसे सभी निजी और सरकारी अस्पतालों की हैल्प डेस्क को सक्रिय रखने के निर्देश दिये ताकि मरीज और परिजन को तत्काल सूचना मिल सके कि किस अस्पताल में कितने बेड या वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। कोरोना से नेगेटिव हो चुके व्यक्तियों की निरन्तर काउंसलिंग करवाने तथा उनका मनोबल बढ़ाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कोरोना पॉजिटिव का डे.केयर सेंटर के माध्यम से उपचार और काउंसलिंग प्रदान करने का पुख्ता प्लान बनाने के निर्देश भी दिये।
समझाइश बहुत कर ली, अब सख्ती होगी
बैठक में जिला कलेक्टर पहाडिया और एसपी सुधीर चौधरी ने एक स्वर में कहा कि मास्क लगाने की हाथ जोडकर समझाइश कर ली, नि:शुल्क मास्क भी बांटें जा रहे हैं जन जागरूकता रैली व अन्य हरसम्भव प्रयास किया जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में लोग जागरूक हुए तथा स्वेच्छा से मास्क लगा रहे हैं लेकिन कुछ लोगों को अभी कोरोना की भयावहता का अन्दाजा नहीं है। ऐसे लोगों को खुद के जीवन के साथ ही दूसरों के जीवन से खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इनके खिलाफ चालान के साथ ही महामारी रोकथाम अधिनियम में कार्रवाई की जायेगी। इनके विरूद्ध जन स्वास्थ्य को गम्भीर खतरे में डालने से सम्बंधित आईपीसी की धारा भी लगेगी। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पूर्ण विनम्रता के साथ पेश आए लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के प्रावधान का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई करें। पुलिस अधीक्षक ने एसडीएम और पुलिस उप अधीक्षक को संयुक्त रूप से नाका लगवाने तथा मास्करहित लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
ज्यादा चौकसी-ज्यादा व्यापार
व्यापार संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल के साथ बैठक में जिला कलेक्टर ने बताया कि आजीविका और व्यापार बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन जान बचाना हम सबकी पहली प्राथमिकता है। संक्रमण कम हुआ तो राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बहुत छूट दी ताकि आजीविका पटरी पर आ जाये। अब संक्रमण बढ़ा है तो प्रतिबंध भी बढ़ गए हैं। बाजारों में चौकसी बरतकर व्यापारी संक्रमण की रोकथाम में मजबूत कडी बन सकते हैं। संक्रमण कम होने से बंदिशें कम होंगी जिससे व्यापार को गति मिलेगी। इस पर सभी व्यापारियों ने बताया कि वे नो मास्क नो एंट्री और नो मास्क नो बिजनस के सिद्धान्त की पूर्ण पालना कर रहे हैं। कोई भी व्यापारी बिना मास्क लगाये मिला या बिना मास्क वाले ग्राहक को सामान बेचा तो हम स्वयं पुलिस और प्रशासन को सूचना देंगे तथा उसका सामाजिक बहिष्कार भी करेंगे। एसपी ने सभी उप अधीक्षकों को बीट कांस्टेबलों को बाजारों में नियमित रूप से जानेए निरीक्षण करने तथा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग सम्बंधी प्रोटोकॉल का पालन न करने तथा अव्यवस्था फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये।
विवाह समारोह में आतिशबाजी हुई तो होगी कडी कार्रवाई
कलेक्टर ने बताया कि जिले में पटाखों के क्रय-विक्रय और उपयोग पर लगे प्रतिबंध की अवधि आगामी 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। पटाखों के क्रय-विक्रय पर 10 हजार रूपये तथा पटाखे चलाने पर 2 हजार रूपए का जुर्माना करने के साथ ही राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 के तहत कार्रवाई की जाएगी। मैरिज गार्डन में पटाखे चलाने पर आयोजक, पटाखा विक्रेता के साथ ही मेरिज गार्डन संचालक के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी, जुर्माना लगाया जाएगा तथा उस कार्यक्रम की पूर्व अनुमति को निरस्त समझा जाएगा।
एसपी ने बताया कि विवाह कार्यक्रम आयोजन स्थल के मुख्य द्वार व कार्यक्रम स्थल के अन्दर बिना मास्क के प्रवेश नहीं, 2 गज की दूरी बनाए रखने का बैनर या पोस्टर लगाना अनिवार्य है तथा इसकी पूर्ण पालना सुनिश्चित करें। विवाह आयोजन, कार्यक्रम में शामिल होने वाले राजकीय व सार्वजनिक उपक्रम के कार्मिक सरकारी दिशा-निर्देशों तथा मेडिकल प्रोटोकॉल की पालना की निगरानी करेंगे तथा किसी प्रकार का उल्लंघन पाया जाता है तो उसे प्रशासन को सूचना देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उस कार्मिक का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।
कंडक्टर होगा जिम्मेदार
जिला कलेक्टर ने जिला परिवहन अधिकारी और रोडवेज डिपो प्रबंधक को निर्देश दिये कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चालक, कंडक्टर और सवारी किसी भी हालत में बिना मास्क नहीं मिले। बिना मास्क सवारी को वाहन में बैठाने पर कंडक्टर से भी जुर्माना वसूला जायेगा। किसी भी सरकारी या निजी कार्यालय में कोई भी कार्मिक या आगंतुक बिना मास्क मिला तो उस व्यक्ति के साथ ही कार्यालय प्रभारी से भी जुर्माना वसूला जायेगा। गमछा, रूमाल या मफलर लगाने के नुकसान समझाने के लिये जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये।
गांवों में भी हुई है मौतें
कलेक्टर ने बताया कि कोरोना गांव-शहर, जाति-धर्म नहीं देखता। ग्रामीण क्षेत्र में भी काफी लोग कोरोना से काल कलवित हुये हैं लेकिन कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना नहीं है जो गलत है। उन्होंने सभी बीडीओ को निर्देश दिये कि ग्राम और ब्लॉक स्तरीय कोरोना जागरूकता समितियों को पूर्ण सक्रिय रखें। सावों के सीजन में लापरपाही बरती गई तो ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का भयावह प्रसार हो सकता है। उन्होंने बीडीओ को निर्देश दिये कि संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, इन्सीडेण्ट कमाण्डर, पुलिस उप अधीक्षक, तहसीलदार व विकास अधिकारी से समन्वय स्थापित कर व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण कर शादी समारोहों की निगरानी रखें तथा गिरदावर, पटवारी, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ता, बीट कांस्टेबल आदि के माध्यम से निर्देशों की पालना सुनिश्चित करायेंगे। विवाह आयोजन, कार्यक्रम में कोरोना महामारी के दुष्परिणाम तथा बचाव एवं रोकथाम के उपायों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।