1 फरवरी को इस साल का केद्रीय बजट ऐसे समय में पेश किया जाएगा जब भारत पहली बार आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। आकलन है कि वित्त वर्ष 2020-21 का अंत इकोनॉमिक के 7.7 फीसदी तक सुकड़ने के साथ पूरा होगा। हालांकि, कोरोना संकट से पस्त हुई दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है। इसको लेकर अब दोपहर 3.30 बजे सु्ब्रमणयम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी। संसद में सरकार की रणनीति को लेकर बड़ी बैठक हुई।
इकोनॉमिक सर्वे-यह देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है। बीते 12 महीनों में विकास के क्या-क्या काम हुए। सरकार की योजनाएं कितनी सफल रह सकीं। आर्थिक दिशा में सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए इन चीजों की जानकारी इकोनॉमिक सर्वे में होती है। इकोनॉमिक सर्वे दो वॉल्यूम में बंटा होता है। यह देश की अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को समेटता है। इस सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम आंकड़े पेश किए जाते हैं। इकोनॉमिक सर्वे में अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए कुछ सुझाव भी दिए जाते हैं।
हमारे देश की अर्थव्यवस्था कैसे चल रही है और इसमें सुधार के लिए क्या कदम उठाएं जाए। ये सब इकोनॉमिक सर्वे से ही पता चलता है। इकोनॉमिक सर्वे से ही अर्थव्यवस्था का ट्रेंड पता चलता है। इसी के आधार पर सरकार को सुझाव दिए जाते हैं। इकोनॉमिक सर्वे देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है।