जिले में प्रत्येक व्यक्ति कांटेक्ट हिस्ट्री आवश्यक रूप से संधारित करेगा, जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश

सवाई माधोपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित किया गया है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं राजस्थान ऐपिडेमिक डिजिज एक्ट 1957 को प्रभावी कर दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट नन्नूमल पहाड़िया ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस का सवाई माधोपुर जिले की राजस्व सीमा में लगे हुए जिले दौसा, टोंक, करौली व मध्यप्रदेश राज्य के श्योपुर जिले में कोरोना का संक्रमण कई व्यक्तियों में दृष्टिगोचर हो रहा है। इस महामारी को रोकने के लिए मेडिकल एडवायजरी समय-समय पर जारी की गई है। मेडिकल एडवायजरी में सोशल डिस्टेंसिंग में एक मीटर की दूरी बनाए रखना आवश्यक है। कोरोना महामारी से यदि एक व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसके सम्पर्क में आने वाले अधिकांश लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते है। यदि किसी व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसके सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों में भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। इस प्रकार संक्रमण फैलने से कोरोना महामारी भयंकर रूप धारण कर सकती है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों की चिकित्सकीय जांच कराना आवश्यक है जिससे इस महामारी को भयंकर रूप लेने से रोका जा सके।
जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर नन्नूमल पहाड़िया ने कोरोना महामारी के विकराल रूप को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 33, 34ड के तहत यह आदेश दिया कि सवाई माधोपुर की राजस्व सीमा में निवासरत सामान्यजन/सरकारी/ अर्द्धसरकारी/ निजी/निगम /बोर्ड में कार्यरत/ सेवानिवृत अधिकारी/कर्मचारी अपने सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों का दैनिक रिकॉर्ड डायरी/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया/गैजेट्स में रखेगें। उन्होंने आदेश में बताया कि वर्तमान में ज्यादातर लोगों के पास स्मार्ट/एण्ड्रायड फोन उपलब्ध है, व्यक्ति चाहे तो अपने व्हाट्सएप में एक व्हाट्सएप ग्रुप जिसका नाम कोरोना रखकर लिखित/वॉयस के माध्यम से भी दैनिक सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों का रिकॉर्ड आसानी से रख सकते हैं एवं अशिक्षित व्यक्तियों का दैनिक रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी उनके परिवार में मौजूद शिक्षित व्यक्ति की होगी।
किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित पाये जाने पर यदि संक्रमित व्यक्ति के पास संघारित दैनिक रिकॉर्ड नहीं पाया जाता है तो उसके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51ख, 56, 59 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269 के तहत दण्डनीय अपराध होगा। यह आदेश 9 अप्रैल 2020 से तत्काल प्रभाव से लागू होकर कोरोना वायरस से फैली महामारी के सम्पूर्ण समाप्ति होने की घोषणा होने तक प्रभावी रहेगा।