पंच कल्याणक से होता है आत्म कल्याण- आचार्य सुकुमाल नंदी

गंगापुर सिटी। स्थानीय सैनिक नगर स्थित नव निर्मित श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में जैन धर्माबलंवियों को संबोधित करते हुए दिगम्बर जैन संत आचार्य सुकुमाल नंदी गुरुदेव ने कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव में व्यक्ति का नहीं आत्मा का कल्याण होता है। पांच दिन चलने वाले इस महा महोत्सव की शुरूआत गर्भ कल्याणक से होती है और जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष के रूप में प्रतिदिन विधि-विधान से किया जाता है। प्रवचन के दौरान पंच कल्याणक महोत्सव के महा पात्रों के रूप में चुनी गई अष्टकुमारियों ने आचार्य श्री को श्रीफल चढ़ाकर आशीर्वाद लेते हुए वंदना की। इस दौरान आचार्य श्री ने ससंघ नवनिर्मित पाश्र्वनाथ जिनालय का अवलोकन किया।
आचार्य श्री के दर्शनों के लिए श्रावकों का लगा तांता
बुधवार को नावां सिटी, उदयपुर, गांधीधाम, टोंक, झारखण्ड, बांसवाड़ा, चंपापुर, सलूम्बर, मुम्बई आदि स्थानों से आए दर्जनों श्रावकों ने आचार्य श्री के समक्ष श्रीफल चढ़ाकर आर्शीवाद लिया। इस दौरान 27 जनवरी से एक फरवरी तक होने वाले पंच कल्याणक महा महोत्सव के मुख्य पात्रों के चयन की प्रक्रिया गत दिवस देर रात तक आचार्य जी के सानिध्य में चलती रही।
कार्यक्रम प्रवक्ता नरेन्द्र नृपत्या ने बताया कि कल्याणक महोत्सव के मुख्य पात्रों में सौधर्म इन्द्र केकडी निवासी पदम कुमार विराग कुमार जैन चुने गए। कुबेर इन्द्र के रूप में डॉ. मनोज जैन वर्धमान हॉस्पिटल, भगवान के माता-पिता के रूप में शिखर चन्द्र अंगूरी देवी जैन, शाह महायज्ञ नायक महेन्द्र जैन शाह चक्रवती मुकुल जैन, ईशान इन्द्र ज्ञानचंद आलोक कुमार जैन, सनत कुमार इन्द्र, मनोज जैन शाह, महेद्र, अभिनव जैन शाह चुने गए। इसी प्रकार अष्ट कुमारियों में मनस्वी सोनी, अनुष्का गंगवाल, अनन्या जैन, अंशिका जैन, आयुषी जैन, सौम्या गंगवाल, सिद्धि जैन, नव्या जैन चुनी गई। लोक देवों के रूप में अनिकेत गंगवाल, निमित्त जैन, अभिनव जैन, अभय जैन चुने गए। सभी महापात्र का आचार्य श्री ने अभिनंदन किया एवं सभी ने महाराज श्री को श्रीफल भेंट कर आरती उतार कर वंदना की।