सत्संग: गुरु समुन्द्र समान, इसकी कोई सीमा नहीं

गंगापुर सिटी। सत्संग में मौजूद श्रद्धालुओं को प्रवचन देते संत लालाराम निरंकारी।

गंगापुर सिटी। संत निरंकारी मण्डल की ओर से यहां ङ्क्षसधी कॉलोनी स्थित झूलेलाल धर्मशाला में सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में संत लालाराम निरंकारी ने कहा कि गुरु एक समुन्द्र है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती। जीवन में प्रेम, भक्ति, सेवा, सिमरन, सत्संग आदि गुरु की संगत में रहने से मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि इंसान बोली से नहीं कर्मों से बड़ा होता है। जीवन में व्यवहार में नम्रता धारण करनी चाहिए। जिस व्यक्ति में नम्रता होती है, वहीं गुरु की निगाह में ऊंचा होता है। गुरु के वचनों को जीवन में धारण करके उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए। जिस इंसान पर गुरु की पूर्ण कृपा होती है वही ब्रह्मज्ञान पाने व सत्संग में संतों का संग पाने का भागी बनता है। सत्संग में सेवा राशि भण्डारी ने की। यह जानकारी मीडिया प्रभारी पूजा वासवानी ने दी।