गहलोत का पायलट पर तंज: गहलोत की जुबानी…

देखिये जो कुछ भी घटनाएं हुई हैं बहुत अनफॉर्चुनेट है एक मजबूत सरकार बनी थी, जनता ने मेंडेट दिया था हम लोगो को और ये उम्मीद की जाती थी कि हम लोग बहुत गुड गवर्नेंस दें, उसी ढंग से काम सरकार कर रही है। आपने देखा होगा कि जबसे सरकार बनी है, तब से कैसी भी स्थिति आई हो, कोरोना आया हो, सबने जमकर सेवा की जनता की, जनता हमसे ये ही उम्मीद करती है। शानदार फैसले किए हैं हमने यहां पर। हमारे कुछ साथी बीजेपी के ट्रैप में फंसकर अतिमहत्वाकांक्षी बनकर के हॉर्स ट्रेडिंग करना, हॉर्स ट्रेडिंग करना, हॉर्स ट्रेडिंग करना….राजनीति में लड़ाई होती है विचारधारा की, नीतियों की, कार्यक्रमों की, समझ में आता है, पार्टी में आएं जाएं कोई आपत्ति नहीं, एंटी-डिफेक्शन बिल है आप 2/3 बहुमत के साथ चले जाओ कोई दिक्कत नहीं है, परंतु आप अगर बीजेपी जो आज केंद्र में सत्ता में है उनके साथ में आप हॉबनॉबिंग करो, उनके साथ में पैसे की डील करो, उनके साथ में लेनदेन करो, उनके साथ में हॉर्स ट्रेडिंग करो, इतने करोड़ मिलेंगे आपको पहले फेज में, पहली किश्त कितनी मिलेगी आपको, सैकंड कितनी मिलेगी आपको, टेलीफोन नंबर दीजिए आप, नाम दीजिए आदमी का जो डिलीवरी लेगा आपका, डिलीवरी लेगा, ये जो मीडिया हिंदुस्तान में बोल रहा है मीडिया आपका और विशेष रूप से आपका इंग्लिश मीडिया, राष्ट्रीय मीडिया, मैं रीजनल की बात तो कम करता हूं, जो राष्ट्रीय मीडिया बोल रहा है, उनको चाहिए कि ईमानदारी से सच्चाई का साथ दें, सच्चाई का साथ दें। डेमोक्रेसी को खत्म करने वाले लोग बैठे हैं दिल्ली के अंदर, हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं, सरकारों को गिरा रहे हैं वो लोग जैसे उन्होंने कर्नाटक में किया, मध्यप्रदेश में किया। क्या मीडिया की ड्यूटी नहीं है क्या? अगर वो चौथा स्तंभ कहलाता है तो उसकी भी ड्यूटी बनती है कि जब डेमोक्रेसी खत्म हो रही है तो उसके खिलाफ आवाज उठाए, जेल जाना पड़े जेल जाए, आज वो उल्टा काम कर रहा है। उन तत्वों को सपोर्ट कर रहा है जो कि बीजेपी के बंधक हैं, जिन्होंने किश्तें ले रखी हैं वहां पर अंदर बैठे हुए लोग, हॉर्स ट्रेडिंग की गई है, हमारे पास प्रूफ है, हमारे पास प्रूफ कैसे उनके दलाल लोग थे जिन्होंने यह काम किया, ऑफर कर रहे थे पैसा, कई लोगों ने पैसा लिया नहीं है, वो प्रूफ मेरे पास में है, मेरे पास बैठे हुए लोग हैं, मना कर दिया। क्या सुनना चाहते हैं ये? इस देश का मीडिया क्या सुनना चाहता है? इनको कांग्रेस से और गांधी परिवार से इनको व्यक्तिगत नाराजगी है, अपने दिल में रखिए वो। जिस मुल्क में डेमोक्रेसी खत्म करने की साजिश हो रही है, धन-बल के आधार पर खरीदे जा रहे हैं एमएलए। क्या मीडिया चौथा स्तंभ कहलाता है, क्या उसकी ड्यूटी नहीं है क्या, आवाज उठाएं? ऐसे-ऐसे मीडिया के लोग बैठे हैं देश के अंदर, उनके पास धन की कमी नहीं है- बल की कमी नहीं है, फाइनेंस होते हैं लोग केंद्र सरकार से, बीजेपी से, मिलीभगत करते हैं। नई पीढ़ी के लोग आए हैं मीडिया के अंदर, अच्छे एंकर हैं, मुझे गर्व है कि देश के अंदर अच्छे एंकर हैं, नई पीढ़ी के लड़के- लड़की हैं, हमारी बहनें हैं, भाई हैं, बच्चे हैं, उनको चाहिए ईमानदारी का साथ दें, उनकी जिंदगी लंबी पड़ी हुई है। उनको भूलना नहीं चाहिए कि लम्बी जिंदगी बितानी है देश के हित के अंदर, देश को एक रखना है, अखंड रखना है, डेमोक्रेसी किसी भी कीमत पर खत्म नहीं हो, 70 साल तक कांग्रेस ने देश में डेमोक्रेसी को बचाए रखा है, पाकिस्तान की तरह नहीं होने दिया देश को। अब जो लोग आए हैं वो डेमोक्रेसी को खत्म कर रहे हैं, खरीद रहे हैं लोगों को और ये आपकी यंग पीढ़ी के लड़के- लड़कियां एंकर बने हुए हैं या आपके मीडिया के जो बड़े लोग भी हैं, तमाम लोग जो हैं एकतरफा खबरें चला रहे हैं। पूरी मैजोरिटी यहां बैठी हुई है, तरह-तरह की खबरें चला रहे हैं वो लोग, क्या हॉर्स ट्रेडिंग करने वालों को पसंद करेंगे वो लोग? हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है देश के अंदर, पैसा बंट रहा है लाखों-करोड़ों रुपए बंट रहे हैं, परसों के रोज में डीलिंग की जा रही थी जयपुर के अंदर, राजस्थान के अंदर, हमारे पास खबर है, हमारे पास प्रूफ है, उसका भी प्रूफ है, 20 करोड़ का सौदा किया जा रहा था। ऐसी स्थिति हो रही है कि एसओजी ने नोटिस दे दिया आपको, मुझे नोटिस दिया है एसओजी ने, हमने कंप्लेंट की थी, कांग्रेस ने, कि हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है बीजेपी की तरफ से, 10 दिन तक हमें रखना पड़ा लोगों को वहां होटल के अंदर, मुझे अच्छा लगा क्या? 10 दिन तक रखना किसे कहते हैं? अगर उस वक्त नहीं रखते हम लोग, अब जो हुआ है खेल मानेसर वाला, गुड़गांव वाला, वो खेल उस वक्त होने वाला था। रात को 2 बजे रवाना किया जा रहा था इन लोगों को, इन्हीं लोगों को रवाना किया जा रहा था, करने वाले कौन थे? सफाई कौन दे रहे थे? कि कुछ हो ही नहीं रहा था, सफाई वो ही दे रहे थे नेता जो खुद षड्यंत्र में शामिल थे, षड्यंत्र का पार्ट थे। हमारे यहां पर डिप्टी सीएम हो, पीसीसी प्रेसिडेंट हो, वो खुद ही डील करे अगर मान लो, मोबाइल नंबर दीजिए हमें, नाम दीजिए हमें, षड्यंत्र में शामिल हो, वो सफाई दे रहे हैं कि नहीं हमारे यहां कोई हॉर्स ट्रेडिंग ही नहीं हो रही थी, अरे तुम तो खुद ही षड्यंत्र में शामिल थे, तुम क्या सफाई दे रहे हो? ऐसी स्थिति में देश चल रहा है। क्या ये चौथे स्तंभ की जिम्मेदारी नहीं है तुम लोगों की? कैमरा लेकर खड़े होते हो तुम लोग, हमें खुशी होती है, धूप में, बरसात के अंदर, खाना मिले नहीं मिले, तंग आते हो आप लोग, आपकी मजबूरी है। आज हालत ऐसी बना रखी है मोदी सरकार ने कि नौकरियां जा रही हैं तुम लोगों की, तनख्वाह कम हो रही है, हम सरकार मदद कर रहे हैं आप लोगों की कि भई तनख्वाह बच जाए कम से कम इनकी, प्रदेश में मैं मदद कर रहा हूं, और कोशिश कर रहे हैं, अरे आप लोग मजबूरी में काम कर रहे हो और आपको हैडलाइन चाहिए बस, हैडलाइन बनाने के लिए तुम कुछ भी कर सकते हो चाहे भले ही न्यूज गलत दो, कुछ भी करो, डेमोक्रेसी कमजोर हो तो होने दो, हॉर्स ट्रेडिंग हो तो होने दो, खरीददारी हो तो होने दो भले ही, ये आपकी ड्यूटी है क्या?

सवाल- ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई क्या कहती है?
जवाब- ये छापे क्यों पड़े परसों? आप बताइए परसों क्यों छापे डाले इनकम टैक्स के? आप सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी दुरुपयोग करके आप डराओगे लोगों को? कहां डेमोक्रेसी रह गई है? ये खतरे हैं खतरे, हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गए, 40 साल से अधिक राजनीति करते हो गए, ये नई पीढ़ी जो आई है, हम उनको प्यार करते हैं, आने वाला कल उनका है। मैंने एक दिन कहा कि 40 साल से जो आज लीडरशिप है देश के अंदर हम लोगों की, 40 साल पहले की, उनकी खूब रगड़ाई हुई थी यूथ कांग्रेस में, एनएसयूआई में, इसलिए 40 साल में भी हम जिंदा हैं, कोई पीसीसी प्रेसिडेंट, कोई चीफ मिनिस्टर, कोई एआईसीसी महामंत्री और कोई आपका केंद्रीय मंत्री बना। जिंदा 40 साल बाद भी हैं हम लोग। ये नई पीढ़ी जो आई है, जिसके बारे में कहते हैं हम उनको पसंद नहीं करते, बिल्कुल गलत है। राहुल गांधी पसंद करते हैं, सोनिया गांधी पसंद करती हैं, अशोक गहलोत पसंद करता है। गवाह हैं- हमारी जब मीटिंग होती हैं तो यूथ के लिए, एनएसयूआई के लिए, यूथ कांग्रेस के लिए मैं लड़ाई लड़ता हूं। आज आप बताइए, मैंने कहा इनकी रगड़ाई नहीं हुई थी, इसलिए आज तकलीफ होती है, ये समझ नहीं पा रहे हैं, ये केंद्रीय मंत्री बन गए, पीसीसी अध्यक्ष बन गए, अगर रगड़ाई हुई होती तो और अच्छे ढंग से काम करते थे और मैंने यह भी कहा, आज हमसे अच्छा काम ये कर सकते हैं, हमारा जमाना जो था कोई कम्युनिकेशन नहीं था, आज तो आईटी आ गया, मोबाइल फोन है, सब मीडिया है, ये हमसे अच्छी परफॉर्मेंस कर सकते हैं देश के लिए, देश का फ्यूचर इनपर डिपेंड करता है। ये खुद ही अगर हॉर्स ट्रेडिंग को पसंद करेंगे, हॉर्स ट्रेडिंग को प्रमोट करेंगे, हॉर्स ट्रेडिंग का हिस्सा बनेंगे ये नई पीढ़ी के लोग, तो देश को बर्बाद नहीं करेंगे क्या? क्या मीडिया को दिखता नहीं है ये, आप बताइए, मीडिया को दिखता नहीं है क्या ये बात? किसकी बात कर रहे हैं? कोई अच्छा इंग्लिश-हिंदी बोलना, अच्छी बाइट देना वो सबकुछ ही नहीं होता है, अच्छे हेंडसम पर्सनेलिटी से ही सबकुछ नहीं होता है, आपके दिल में क्या है देश के लिए, आपका कमिटमेंट क्या है, आपकी विचारधारा-नीतियां-कार्यक्रम जो हैं आपकी पार्टी के, कितना बड़ा कमिटमेंट है आपका, ये सब देखा जाता है आपका। सोने की छुरी पेट में खाने के लिए नहीं होती है, आप समझ गए? सोने की छुरी पेट में खाने के लिए नहीं होती है समझ जाओ आप लोग।

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