मांग नहीं मानी तो, नहीं होगा प्राइवेट बसों का संचालन!

मांग: छह माह का टेक्स माफ व बीमा अवधि छह माह बढाई जाए
स्टाफ ने मांगा बस मालिकों से भरण-पोषण
सरकार के नाम, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन

गंगापुर सिटी। राजस्थान सरकार की ओर से जारी आदेशानुसार 1 जून से प्राइवेट बसों को शुरु करने का आदेश जारी हुआ। आदेश में बताया कि क्षमता के हिसाब से सवारी ली जा सकती है जबकि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राज्य सरकार के आदेश से सहमत नहीं है। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान खड़ी रही बसों से भी टेक्स वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान खड़ी बसों के बीमा की अवधि भी बीमा कम्पनियों द्वारा नहीं बढ़ाई गई है।
बस ऑपरेटर्स यूनियन अध्यक्ष दीपक सिंह नरूका व उपाध्यक्ष नासिर खान ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में बताया कि लॉकडाउन के दौरान खड़ी रही बसों का स्टाफ भी बस मालिकों से भरण-पौषण मांग कर रहा है।
इस स्थिति में बस ऑपरेटर्स द्वारा बसें चालू की जाती है तो प्रत्येक बस का टेक्स व बीमा १ लाख १० हजार रुपए जमा कराने होंगे। साथ ही बस स्टाफ को भी भरण-पौषण देना होगा। इस स्थिति में बस मालिक बस चलाने में सक्षम नहीं है।
यूनियन ने सरकार से मांग की है कि वह 6 माह का टेक्स माफ करे एवं बीमा अवधि 6 माह के लिए बढाई जाए। यदि मांग नहीं मानी जाती है तो प्राइवेट बसों का संचालन बंद रहेगा।