Monsoon में बाढ आने की सम्भावना को देखते हुये सम्बंधित विभाग पूर्ण तैयारियां रखें

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में निर्देश देते कलेक्टर।

15 जून तक संबंधित विभाग शुरू करें नियंत्रण कक्ष
सवाईमाधोपुर।
आगामी मानसून (Monsoon) में जिले में बाढ और जलभराव की स्थिति में कौन सा विभाग क्या कार्य करेगा, विभागीय समन्वय कैसे रहेगा, बचाव और राहत कार्यों में सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग की गाइडलाइन क्या है, इन बिन्दुओं पर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने सोमवार को जिला आपदा प्रबंधन अथॉरिटी एवं बाढ कंटीजेंसी प्लान की जूम वीसी के माध्यम से आयोजित बैठक में सम्बंधित अधिकारियों को उनके द्वारा की जाने वाली तैयारियों का जायजा लिया तथा दिशा निर्देश दिये।
कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश भोपरिया को निर्देश दिये कि उनके विभाग के सभी 18 बांधांें का सर्वे कर लीकेज, सीपेज की स्थिति जॉंच कर तत्काल मरम्मत करवायें। इस बात का एक्शन प्लान बनायें कि कैचमेंट एरिया या इनके जल स्रोत क्षेत्र में बहुत अधिक बारिश आने पर बांध पर चादर चली या दुर्भाग्य से रिसाव हुआ तो कौन-कौन से गांव, कस्बे के निवासियों को चेतावनी जारी करनी है या ऊंचाई वाले इलाकों में भेजना है। वहॉं अस्थायी कैम्प में उनके खाने,पीने, आवास की व्यवस्था के लिये स्थानीय एसडीएम, बीडीओ से मिलकर प्लान तैयार कर लें। ऐसी स्थिति आने के चांस कम ही होते हैं लेकिन प्रोपर प्लान तैयार कर लेने से बचाव व राहत कार्य में सफलता के चांस बहुत बढ जाते हैं। इसी प्रकार कोटा बैराज और बीसलपुर से कितना पानी रिलीज करने पर क्रमशः चम्बल और बनास के जल स्तर में कितनी बढोतरी होगी और इससे इन नदियों के किनारे वाले गांवों में क्या हालात होंगे। इन सम्बंधित गांवों के पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों और आमजन के साथ संवाद कर उन्हें इस सम्ंबध में जागरूक करें। जिले में बनास के किनारे 41 और चम्बल के किनारे 27 गांव आबाद हैं। कलेक्टर ने पुराने अनुभवों के आधार पर कार्ययोजना तैयार करने तथा सभी तैयारियां समय पर पूरी रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने अधिशासी अभियन्ता को निर्देश दिये कि जल संसाधन, चम्बल घडियाल और मत्स्य विभाग के पास स्थित नावों की फिटनेस चैक करवा लें, स्थानीय गोताखोरों के नाम, मोबाइल नम्बर, निवास स्थान समेत अन्य जानकारी की लिस्ट तैयार कर लें तथा इन गोताखोरों को जरूरत पडने पर उपलब्ध रहने के लिये तैयार रखें।

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कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पंचायती राज विभाग के नियंत्रण वाले सभी बांधों की मोरी जल्द से जल्द बंद की जाये तथा यहॉं चौबीसों घंटे निगरानी की व्यवस्था रहे ताकि पानी चोरी के प्रयास में मानसून के दौरान कहीं बांध को क्षति न पहुंच जाये।
कलेक्टर ने दोनों नगरपरिषद आयुक्तों को निर्देश दिये कि छोटे-बडे नालों की निरन्तर सफाई करवायें , निचले इलाकों का सर्वे कर लें तथा जलभराव होते ही वहॉं से पानी पम्प कर नालों में डालने का प्लान तैयार रखें। दोनों शहरों में मानसून के दौरान सफाई व्यवस्था अन्य दिनों के बजाय बेहतर रखने के निर्देश दिये ताकि मौसमी बीमारियां न फैलें। जर्जर निजी इमारतों का सर्वे कर नियमानुसार कार्रवाई करें ताकि कोई हादसा न हो जाये।
कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिये कि वर्षाजनित और मौसमी बीमारियों की सम्भावना को देखते हुये एक्शन प्लान तैयार रखें और इसमें स्वास्थ्य मित्रों की सक्रिय भूमिका रखें। जिला अस्पताल से लेकर सब सेंटर तक मौसमी बीमारियों की दवा का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित हो। मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण न रखा गया तो कोरोना काल में बडी आफत हो जायेगी।
कलेक्टर ने पीएचईडी और जेवीवीएनएन के अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिये कि चाक चौबंद व्यवस्था रखें। कोई ट्रासंफार्मर सम्भावित जल भराव क्षेत्र में है तो शिफ्ट करवा दें। जलभराव क्षेत्र में विद्युत पोल या घरों में करंट की सम्भावना को भी ध्यान में रखते हुये कार्य करें। मिट्टी कटाव होने की सम्भावना देखते हुये पेयजल पाइपलाइनों की मेंटीनेंस तथा क्षति पहुंचते ही रिस्टोरेशन का प्लान तैयार रखें।
कलेक्टर ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर.एस. चौहान को निर्देश दिये कि सभी ग्राम विकास अधिकारियों को सक्रिय और अलर्ट रखें तथा ग्रामीणों को समझायें कि मानसून के दौरान बच्चों को बाहर न भेजें ताकि पानी से भरे गड्डों, एनीकट, तालाब में डूबने की दुखांतिका से बचा जा सके। ग्रामीणों को पानी से भरे रास्तों, ओवर फ्लो सडक को पैदल या वाहन से पार करने से बचने की सलाह के साइन बोर्ड लगवाएं।

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कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश दिये कि सभी छोटे-बडे पुलों का सर्वे करवा ले तथा जरूरत वालों की तत्काल मरम्मत करवायें तथा चेतावनी बोर्ड लगायें कि फलां वजन क्षमता से ज्यादा के वाहन इस पर से न गुजरें। जर्जर सरकारी भवनों या कमरों का भी सर्वे कर उपयुक्त कार्रवाई करें। उन्होंने  मानसून में  अवरूद्ध रास्तों को खोलने का प्लान तैयार रखने के भी निर्देश दिये।
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि गत वर्षों के अनुभव के आधार पर प्लानिंग की गई है। वे स्टेट डिजास्टर रेसपोंस फोर्स के अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिये सभी विभागों को बेहतर समन्वय से कार्य करना होगा। नदी, तालाब, झरनों पर पिकनिक मनाने वालों पर विशेष निगाह रखेंगें तथा वहॉं पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात होंगे, प्रतिबंधित क्षेत्रों में वन विभाग समेत अन्य विभागों के सहयोग से बेरिकेडिंग, ट्रैंचिंग का कार्य भी करवायेंगे।
सवाईमाधोपुर एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी ने बताया कि आपदा प्रबंधन, बचाव और राहत कार्यों के लिये आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनएसएस के वॉलंटियर्स के बीच श्रेष्ठ समन्वय का कार्य करेंगे। अभी हमारे पास सिविल डिफेंस के 49 लोग हैं। जिले के सभी पंजीकृत ठेकेदारों, फर्मों की उनसे सम्बंधित विभागों द्वारा सूची तैयार कर उनके पास उपलब्ध श्रमिक, फावडा, गंेती, जेसीबी, क्रेशर, मिट्टी के खाली और भरे बैग, तकनीकि कार्मिकांे का डैटाबेस तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि 07462-220201 दूरभाष नंबर पर जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे संचालित है। डीएफओ रणथंभौर टाइगर फोरेस्ट महेन्द्र शर्मा ने वन क्षेत्र में स्थित झरने, पानी वाले स्थलों पर विशेष सतर्कता रखने के संबंध में जानकारी दी। वीसी में गंगापुर एडीएम नवरतन कोली, सभी एसडीएम व विकास अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।