कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारतीय वैज्ञानिक जुटे, आ सकती है अच्छी खबर!

नई दिल्ली। कोरोना जैसे घातक वायरस से निपटने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों और उससे जुड़े रिसर्च सेंटर इन दिनों पूरी ताकत से जुटे हुए है। कुछ संस्थानों से अच्छी खबर आने की संभावना बनी हुई है। इनमें से ही एक वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित आईएचबीटी (इंस्टिट्यूट आफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नालाजी), हैदराबाद स्थित सीसीएमबी (सेंटर फार सेलुलर बायोलाजी एंड मालीक्यूलर बायोलाजी और दिल्ली स्थित आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटेग्रेटिव बायोलाजी) जैसे केंद्र शामिल है। इन संस्थानों को कई सफलताएं भी हाथ लगी है। हालांकि इन सभी का लैबोरेटरी में परीक्षण होना बाकी है। शोध संस्थानों से कोरोना के लिए बेहतर दवा, टीका और सस्ती किट तैयार करने के लिए प्रस्ताव मांगा साइंस और तकनीकी मंत्रालय से जुड़ी स्वायत्त संस्था साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड ने भी इस क्षेत्र में काम करने वाली देश भर के सभी एकेडमिक और रिसर्च संस्थानों से कोरोना के लिए बेहतर दवा, टीका और सस्ती किट तैयार करने के लिए प्रस्ताव मांगा है। जिसकी अंतिम तारीख 30 मार्च तय की गई है। बोर्ड ने कहा है कि कोरोना वायरल से श्र्वसन (सांस) संबंधी समस्या होती है, ऐसे में जो भी संस्थान इसका एन्टी वायरस तैयार करें, उसके पास इसके परीक्षण की भी बेहतर व्यवस्था हो। बोर्ड ने इसके साथ ही शोध संस्थानों से मौजूदा एंटी वायरल दवाओं में से कोरोना के इलाज में उसकी उपयोगिता को देखते हुए बदलाव करने को लेकर भी सुझाव मांगे है। आईएचबीटी का दावा- कोरोना के उपचार में मददगार मालीक्यूल्स को खोज निकाला इस बीच आईएचबीटी के डायरेक्टर डाक्टर संजय कुमार ने बताया कि हमने फिलहाल ऐसे मालीक्यूल्स को खोज निकाला है, जो कोरोना में प्रभावी हो सकते है। इसका बायो-फार्मेटिकली डाटा तैयार कर लिया गया है। ऐसे में अब इसका लैब में परीक्षण किया जाना है। साथ ही हम मलेरिया की दवाओं को मॉडीफाई करने की दिशा में भी काम कर रहे है। संस्थान की एक टीम इस पर अलग से काम कर रही है। कोरोना को लेकर भी हमें अब तक जो डाटा मिले है, उन्हीं को ध्यान में रखकर काम कर रहे है। किसी भी प्रभावी दवा के आने में करीब दो से तीन महीने की समय लग सकता है। हमारी पूरी कोशिश है, हम जल्द से जल्द इसकी दवा लाए। कोरोना को लेकर आईजीआईबी में तेजी से काम चल रहा है वहीं कोरोना को लेकर सीएसआईआर के आईजीआईबी में भी तेजी से काम चल रहा है। इसका फोकस कोरोना की बेहतर तरीके से जांच पर है। इसके लिए एक ऐसी किट तैयार करने की कोशिश की जा रही है, जिसे लोगों को तक जल्द पहुंचाया जा सके। आईजीआईबी के डायरेक्टर डाक्टर अनुराग अग्रवाल के मुताबिक अगले हफ्ते से अच्छी खबरें मिलने लगेगी। गौरलतब है कि दुनिया के किसी भी देश के पास अब तक इस भयानक महामारी का इलाज नहीं है।