चीन के सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार अलीबाबा ग्रुप के मालिक जैक मा पिछले दो महीनों से कहां गायब हैं, अब तक इस सिलसिले में पुष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। हलांकि, उनकी गुमशुदगी को लेकर अटकलों का बाजार काफी गर्म है। कभी किसी रिपोर्ट में उनके गिरफ्तार होने की खबर आ रही है तो कभी बताया जा रहा है कि उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से खुद को दूर कर लिया है। इस बीच एक ऐसी खबर आई है, जो चीन सरकार के मंसूबों की पोल खोलती है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि चीन चाहता है कि जैक मा अपनी जिंदगी भर की असल कमाई यानी अपनी कंपनी के यूजर्स के सभी डेटा उसे सौंप दे।
अंग्रेजी वेबसाइट वॉल स्ट्रीट जनरल की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के नियामक कोशिश कर रहे हैं कि जैक मा अपने विशाल वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनी के माध्यम से एकत्रित यूजर-क्रेडिट डेटा को साझा करे। इसके लिए चीनी नियामक काफी समय से दबाव बना रहे हैं। चीनी नियामक के इस दबाव और राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ विवाद के बाद जैक मा के पास बहुत कम विकल्प बचे थे। ड्रैगन को इस बात की चिंता सता रहा है कि जैक मा का ध्यान वित्तीय खतरे को नियंत्रित करने के बाय अपने बिजनस को लगातार बढ़ाने पर है, जबकि चीन ऐसा नहीं चाहता, क्योंकि उसका का लक्ष्य वित्तीय संकट को नियंत्रित करना है।
चीन के लक्ष्य से अलग है जैक मा का लक्ष्य
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी नियामक की नजर में जैक मा के कंट्रोल वाली कंपनी एंट ग्रुप चीन की वित्तीय सिस्टम को खराब कर रही है। इस कंपनी के पास लोगों की आदतों से लेकर कर्ज लेने और चुकाने का पूरा डेटा है। कंपनी इन्हीं डेटा के जरिए लोन के लेन-देन में बिचौलिया की भूमिका निभाकर बिजनेस में फायदा उठाती है। जैक मा अपने अलीपे ऐप के जरिए लोन का लेन-देन करते हैं और बिचौलिआ बन फायदा कमाते हैं। करीब एक अरब से अधिक लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऐप में उपभोक्ताओं की खर्च करने की आदतें, उधार व्यवहार और बिल-भुगतान और ऋण-भुगतान की हिस्ट्री के डेटा हैं।
बिचौलिया बन खूब पैसा कमाते हैं जैक मा
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जानकारियों से लैस कंपनी एंट ग्रूप ने करीब आधे बिलियन लोगों को कर्ज दिया है और करीब 100 बैंकों से इस फंडिंग का बड़ा हिस्सा लिया है। यानी जैक मां बैंक से लोगों को बिचौलिया बनकर अपने ऐप के जरिये लोन दिलवाते हैं। ऐसी व्यवस्था से उधारकर्ताओं के डिफॉल्टर होने का सबसे अधिक जोखिम उठा रहे हैं,, जबकि एंट कंपनी बिचौलियों के रूप में लाभ कमा रही है। बता दें कि एंट ग्रुप ने अलीपे बनाया है, जो चीन में एक मोबाइल पेमेंट सिस्टम (मोबाइल वॉलेट) है। कंपनी ने भारत के पेटीएम में भी निवेश किया है।
चीनी नियामक कर रहे डेटा लेने का प्रयास
यह भी बताया गया है कि चीन ने जैक मा के बिजनस मॉडल को बदलने का प्रयास किया और डेटा पर उनकी कंपनी के एकक्षत्र राज को खत्म करना चाहा। मगर ऐसी खबर है कि जैक मा ने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद चीन सरकार ने एक्शन लेना शुरू किया। चीन ने जैक मा की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और उसकी वित्तीय कारोबार की शाखा एन्ट ग्रुप पर कार्रवाई शुरू की। चीन के मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि उसने अलीबाबा के खिलाफ बाजार पर एकाधिकार कायम करने संबंधी कोशिशों को लेकर यह कार्रवाई शुरू की है। चीन सरकार की कार्रवाई से कंपनियों में ऐसा खौफ समाया है कि महज दो ही दिन में चीन की बड़ी कंपनियों को करीब 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। माना जा रहा है कि इसी कार्रवाई के चलते जैक मा को देश छोड़ने पर रोक है और नजरबंद कर लिया गया है।
Read Also: बदायूं में महिला के साथ निर्भया जैसी हैवानियत(Hawkishness), गैंगरेप के बाद गुप्तांग में डाली रॉड
कौन हैं जैक मा
चीन की बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार अलीबाबा के संस्थापक हैं। अलीबाबा के संस्थापक जैक मा चीन के मशहूर कारोबारी और अपने बोलने के लिए प्रसिद्ध हैं। वह कभी एक स्कूल में पढ़ाया करते थे और अब वह अरबपति कारोबारी हैं। अलीबाबा विश्व की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक है जिसके करोड़ों की संख्या में यूजर्स हैं। अलीबाबा का टर्नओवर भी अरबों में है। इसकी तीन मेन वेबसाइट टाउबाउ (Taobao), टीमॉल (Tmall) और अलीबाबा डॉट कॉम (Alibaba.com) है।
क्या है पूरा मामला
चीन की सरकार अलीबाबा ग्रुप पर मोनोपोली यानी एकाधिकार के गलत इस्तेमाल को लेकर तहकीकात कर रही है। अलीबाबा ने कहा था कि उन्हें एसएएमआर (SAMR) के जरिए एंट ग्रुप (Ant Group) को भी नोटिस भी भेजा गया है। यह जैक-मा की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा डॉट कॉम और फिनटेक एंपायर के लिए बहुत बड़ा झटका मना गया।
Read Also: दोनों हाथों में चाकू लेकर सुसराल पहुंचा दामाद, पहले ससुर और फिर साली कर दी बेरहमी से हत्या
भारी पड़ा सरकार की आलोचना करना
ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के मालिक जैक मा द्वारा सार्वजनिक तौर पर चीन के वित्तीय नियामकों और बैंकों का अलोचना करना भारी पड़ गया है। चीन सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जैक मा की संपत्ति बीते दो महीने में 11 अरब डॉलर कम हो गई है। दरअसल, जैक मा ने चीन के वित्तीय नियामकों की इस बात के लिए लताड़ लगाई थी कि वो जोखिम लेना बिल्कुल पसंद नहीं करते। उन्होंने चीन के बैंकों पर सूदखोर सेठों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। उनका इशारा इस तरफ था कि चीनी बैंक बिना कोई चीज गिरवी रखवाए कर्ज नहीं देते। गौरतलब है कि चीन में ज्यादातर बैंक सरकारी हैं, इसलिए उनकी टिप्पणियों को सीधे सरकार के खिलाफ कही गई बात माना गया।
Download Badhti Kalam App Now & Subscribe My Youtube Channel