कारखानों में कर्मकारों की आवश्यकता को कम करने के लिए काम के घंटों को प्रतिदिन बढ़ाकर 12 घंटे करने की अनुमति दी

जयपुर। कारखाना एवं बॉयलर्स विभाग ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कारखानों में कर्मकारों की आवश्यकता को कम करने के लिए काम के घंटों को प्रतिदिन 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने की अनुमति प्रदान की है। सामान्य जनशक्ति के लगभग 60 से 65 फीसदी के साथ कारखानों को  पूरी क्षमता से संचालन करने के लिए आगामी तीन महीने के लिए यह छूट दी गई है। श्रम, कारखाना एवं बॉयलर्स मंत्री टीका राम जूली ने बताया कि सभी पंजीकृत कारखानों में उत्पादन के लिए कर्मकारों की न्यूनतम उपस्थिति सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कारखाना  अधिनियम, 1948 के अनुसार सामान्य रूप से प्रति दिन काम करने के 8 घंटे के स्थान पर  अगले 3 माह तक प्रति दिन अधिकतम 12 घंटे काम करने की अनुमति देने के लिए छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त 4 घंटे प्रति दिन तथा 24 घंटे प्रति सप्ताह की ओवरटाइम सीमा के अधीन ओवरटाइम के रूप में प्रबंधन की ओर से नियमानुसार भुगतान किया जाएगा। इस सुविधा के माध्यम से दैनिक आधार पर 33 फीसदी कर्मकारों की कमी के साथ 6 दिनों के लिए कारखाना संचालन की अनुमति होगी।
जूली ने बताया कि कार्य के घंटे बढ़ाने से दिन में श्रमिकों के घर से कार्य स्थल और पुनः वापस आने  वाली आवाजाही आधी की जा सकेगी। श्रमिकों को सुबह और शाम काम करने के लिए जाने के स्थान पर आवाजाही केवल दिन के दौरान एक बार और रात के दौरान एक बार होगी। देर रात की आवाजाही तीन पारी के लिए भी लागू होगी। मंत्री जूली ने बताया कि यह आदेश कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों तथा गृह विभाग, उद्योग विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से अनुमत श्रेणी के कारखानों पर लागू होगा। 
उन्होंने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर बताए गए स्वच्छता, सामाजिक दूरी और कम संपर्क आदि के सिद्धांतों के सभी एहतियाती उपायों की कड़ाई से पालना कि जानी चाहिए।