ऐसी आदतें जो डायबिटीज (Diabetes) के जोखिम को बढ़ा देती हैं, जानने के लिए पढि़ए…

दिनों-दिन देश में मधुमेह (Diabetes) रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र या मधुमेह का पारिवारिक इतिहास, आपके रोग विकसित करने की आशंका को बढ़ा देता है। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह भी है कि डायबिटीज के सामने आ रहे अधिकांश मामलों के लिए जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी को मुख्य कारण माना जा रहा है। यही कारण है कि एक दशक पहले तक इस बीमारी को उम्र बढऩे के साथ होने वाली समस्या माना जाता था, हालांकि अब कम उम्र के लोगों में भी इसका निदान किया जा रहा है।
आपको बता दें कि दैनिक जीवन की कुछ आदतें भी डायबिटीज (Diabetes) के जोखिम को बढ़ा सकती है। अक्सर इनसे ज्यादातर लोग अनजान होते हैं, जिसके कारण इस रोग के मामले बढ़ रहे हैं। जानते हैं उन आदतों के बारे में जो डायबिटीज का कारण बन सकती हैं, इनसे तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए।
रिफाइंड काब्र्स का ज्यादा सेवन
पिछले कुछ वर्षों में रिफाइंड काब्र्स के सेवन की आदत में इजाफा देखने को मिला है। सीधे शब्दों में कहें तो सफेद ब्रेड, सफेद चावल, मैदा, पास्ता जैसी चीजें डायबिटीज (Diabetes) के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। रिफाइंड काब्र्स आपके शरीर को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन की वृद्धि होती है। इस इंसुलिन का सही से प्रबंधन न हो पाने के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। 
शारीरिक निष्क्रियता में कमी
एक ही जगह पर बैठे रहने, व्यायाम और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण डायबिटीज (Diabetes) का जोखिम बढ़ जाता है। एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन की समीक्षा में विशेषज्ञों ने पाया कि जो लोग दिन का ज्यादा समय बैठे-बैठे निकाल देते हैं, उनमें अन्य लोगों की तुलना में मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक थोड़ी-थोड़ी देर पर सीट से उठकर घूम लेने और रोजाना व्यायाम करके इस खतरे को कम किया जा सकता है।
नींद की कमी
अध्ययनों से पता चलता है कि रात की नींद पूरी न होने से शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक देर रात तक जगना और रात की नींद पूरी न हो पाना आजकल लोगों की आम समस्या बन गई है, यह मधुमेह के खतरे को बढ़ा देती है। डायबिटीज (Diabetes) सहित तमाम तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए रोज रात में कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर पूरी करें। 
तनाव लेना है नुकसानदायक
अध्ययनों से पता चलता है कि वैसे तो तनाव का सीधा संबंध मधुमेह से नहीं है, हालांकि इसे एक कारक जरूर माना जाता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन बढऩे लगता है जो इंसुलिन गतिविधि को प्रभावित कर देता है। कोर्टिसोल अधिक होने से ब्लड शुगर का स्तर भी बढऩे लगता है। तनाव को प्रतिबंधित करके डायबिटीज (Diabetes) के खतरे को कम किया जा सकता है।

यदि आप स्‍वयं या आपके घर में कोई मधुमेह से पीडि़त है तो यह आपके काम की खबर है। असल में, इस बीमारी के बारे में अक्‍सर बहुत देर से पता चल पाता है। टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) वैश्विक महामारी के रूप में उभर रही है, जिससे फिलहाल दुनियाभर की छह फीसद आबादी पीड़ित है। वजन पर नियंत्रण, संतुलित खानपान व व्यायाम के जरिये इसके खतरे को रोका जा सकता है और प्रारंभ में इसका पता लगाकर स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जटिलताओं को कम किया जा सकता है। स्वीडन के एक विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए हालिया अध्ययन में खून में मौजूद ऐसे प्रोटीन का पता लगाया गया है, जो 19 साल पहले तक टाइप 2 डायबिटीज की आशंकाओं के बारे में जानकारी दे सकता है। अध्ययन निष्कर्ष को पत्रिका नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन की नेतृत्वकर्ता व लुंड यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डा. यांग डी मैरिनिस ने कहा, “हमने पाया कि खून में अधिक मात्रा में फालिस्टैटिन प्रोटीन का संचार 19 साल पहले तक टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) की भविष्यवाणी कर सकता है।” स्वीडन व फिनलैंड के विभिन्न स्थानों पर किए गए अध्ययन में 5,318 लोगों को शामिल किया गया।