जिले में 31 मार्च तक धारा 144 लागू, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए आदेश

सवाई माधोपुर। मुख्यमंत्री एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा दी गई एडवाईजरी/निर्देशानुसार कोरोना वायरस से संकमण की रोकथाम के लिए सार्वजनिक जीवन एवं स्वास्थ्य के लिए खतरे को ध्यान में रखते हुये  जिला मजिस्ट्रेट डॉ. एस.पी.सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला सवाई माधोपुर की समस्त राजस्व सीमाओं में धारा 144 निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश में बताया कि आमजन के जीवन एवं स्वास्थ्य को मध्यनजर रखते हुए सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थानों एवं अन्य आमजन के द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में एकत्रित होने वाले व्यक्तियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट ने जारी आदेश में बताया है कि जिला सवाई माधोपुर की समस्त राजस्व सीमाओं में 20 या 20 से अधिक व्यक्तियों की जमाव/ भीड़/ बैठक व अन्य प्रचार से शामिल होने पर निषेधाज्ञा जारी की है।
उन्होंने बताया कि किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थल पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा संबंधित एसडीएम की बिना पूर्व अनुमति के 20 या 20 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होगे।
जिले के समस्त राजकीय, निजी विद्यालय, आंगनबाडी केन्द्र एवं मदरसे पूर्णतः बंद रहंेगे। जिले में समस्त कोचिंग सेन्टर, जिम, सिनेमाघर एवं धार्मिक स्थानों पर आयोजित होने वाले मनोरंजन के कार्यक्रम व थियेटर में होने वाले नाटक बन्द रहेंगे।
जिले के समस्त आम नागरिक अपने पारिवारिक समारोह आयोजन में 20 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित नहीं करें।
सभी सरकारी, अर्ध सरकारी संगठनों, स्वायत्तशासी निकायों, स्वयंसेवी संगठनों एवं अन्य कार्यालयों के ऐसे कार्यक्रम जिनमें 20 से अधिक संख्या में नागरिको के भाग लेने की संभावना है, का आयोजन नही किया जायेगा।
यह आदेश रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चिकित्सा संस्थान, पोस्ट ऑफिस, बैंक, सरकारी एवं अन्य सार्वजनिक कार्यालयांे एवं अनुमत परीक्षाओं की स्थिति में परीक्षा कक्षों में अधिकृत एवं सदभावी व्यक्तियों की उपस्थिति के लिये लागू नहीं होगा।
निषेधाज्ञा का यह आदेश 18 मार्च की मध्य रात्रि से आगामी 31 मार्च की मध्य रात्रि तक लागू रहेगा। इस निषेधाज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन किए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत अभियोग चलाया जाएगा।